
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल) को हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया. ये हाल के सालों में सबसे भयावह हमलों में से एक था. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ के आतंकियों ने धार्मिक आधार पर लोगों को निशाना बनाया, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए. इस बर्बरता ने देशभर में आक्रोश और दुःख की लहर दौड़ा दी. यह हमला न केवल पीड़ित परिवारों पर भारी पड़ा बल्कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को भी इसने बढ़ा दिया.
हमले के तुरंत बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने नियंत्रण रेखा (LOC) के पास पीओके में स्थित 42 आतंकी लॉन्च पैड्स और ट्रेनिंग केंद्रों की पहचान की है. खुफिया इनपुट्स के आधार पर यह पता चला कि लगभग 150-200 ट्रेंड आतंकी अलग-अलग शिविरों में घुसपैठ करने के लिए तैनात हैं. इन लॉन्च पैड्स में केल, सरदी, दुधनियाल, अथमुकाम, जुरा, लीपा, कोटली और खुइरट्टा जैसे स्थान शामिल हैं. भारत की तेज प्रतिक्रिया की आशंका के कारण आतंकवादियों के ठिकानों में भारी फेरबदल किया गया.
Pok में पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों को बंकरों में शिफ्ट किया
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों से खबर मिली है कि भारतीय एक्शन की आशंका को देखते हुए पाकिस्तानी सेना ने Pok में आतंकियों को पारंपरिक लॉन्च पैड्स से हटाकर सेना के सुरक्षित बंकरों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया. यह कदम भारतीय निगरानी और संभावित एक्शन से आतंकवादियों को बचाने की हताश कोशिश का संकेत है. इस तरह की एक्टिविटी से साफ पता चलता हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को जीवित रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, बावजूद इसके कि यह अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा है.
पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों की भूमिका और उनके एजेंडे
हिजबुल मुजाहिदीन (HM), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे संगठनों के कुल 60 विदेशी आतंकी वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में सक्रिय बताए जाते हैं, जिसका एकमात्र उद्देश्य अस्थिरता फैलाना और आतंक फैलाना है. इनके साथ-साथ 17 स्थानीय आतंकवादी भी केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय हैं. इन आतंकी संगठनों का मुख्य एजेंडा भारतीय नागरिकों को निशाना बनाना और जम्मू-कश्मीर में शांति को भंग करना है.