
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) ने 9 करोड़ से अधिक लोगों को 1.29 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के मुफ्त अस्पताल सेवाओं का लाभ दिया है. अब 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिले…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से 9 करोड़ लोगों को लाभ मिला.
- 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिलेगा.
- PM-JAY के तहत हर परिवार को 5 लाख रुपये तक का कवरेज.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) ने देश के करोड़ों लोगों की ज़िंदगी बदल दी है. सितंबर 2018 में शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक लाभार्थियों को 1.29 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के फ्री अस्पताल सेवाओं का लाभ मिल चुका है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 9 करोड़ से अधिक लोग अब तक इस योजना के तहत इलाज करवा चुके हैं. PM-JAY के तहत हर परिवार को हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त हेल्थ कवरेज मिलता है. शुरुआत में यह योजना देश के 10.7 करोड़ गरीब परिवारों के लिए लाई गई थी, जो देश की लगभग 40% आबादी को कवर करती थी. तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, केरल, आंध्र प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों के लोग सबसे ज्यादा लाभ उठाने वालों में शामिल हैं.
सितंबर 2024 में सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया. अब 70 साल से ऊपर के सभी बुजुर्गों को उनकी आय स्थिति की परवाह किए बिना, हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा. इस कदम से करीब 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को सीधा फायदा होगा.
PM-JAY के तहत करीब 2,000 प्रकार के इलाज कैशलेस सुविधा के साथ उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसमें इलाज, दवाइयां, जांच, डॉक्टरों की फीस, ऑपरेशन थिएटर और ICU चार्ज जैसी तमाम सेवाएं शामिल हैं. सबसे ज्यादा लाभार्थियों ने जनरल मेडिसिन, इन्फेक्शियस डिजीज, जनरल सर्जरी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, नेत्र रोग और आर्थोपेडिक इलाज के लिए इस योजना का इस्तेमाल किया है. हीमोडायलिसिस, कोविड-19 स्क्रीनिंग और बुखार जैसे सामान्य इलाज भी काफी बड़ी संख्या में हुए हैं. अब तक 40 करोड़ से ज्यादा लोगों को ‘आयुष्मान कार्ड’ जारी किए जा चुके हैं और देशभर में 31,907 से ज्यादा सरकारी और निजी अस्पताल इस योजना से जुड़े हुए हैं.
हालांकि, अब भी देश की एक बड़ी आबादी ऐसी है, जिसे किसी भी तरह के स्वास्थ्य बीमा का सुरक्षा कवच नहीं मिला है. नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 30% आबादी — यानी लगभग 40 करोड़ लोग — ‘मिसिंग मिडल’ कैटेगरी में आते हैं. इन्हें देखते हुए संसद की वित्त मामलों की स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि PM-JAY योजना को इन लोगों के लिए भी कुछ भुगतान लेकर खोला जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च उठाने से बच सकें.