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अठावले ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत युद्ध छेड़ने से नहीं हिचकिचाएगा।
महाराष्ट्र के केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कहा-जब तक PoK ( पाकिस्तान ऑपरेटिंग कश्मीर) पाकिस्तान के पास रहेगा, तब तक आतंकवादी गतिविधियां चलती रहेंगी।
अठावले ने प्रधानमंत्री मोदी से पाकिस्तान के खिलाफ एक और सर्जिकल स्ट्राइक करने की मांग की। उन्होंने कहा- अगर पाकिस्तान PoK नहीं सौंपता है, तो हमें उनके खिलाफ युद्ध की घोषणा करनी चाहिए। आतंकवादी बार-बार PoK के रास्ते भारत में घुसते है। इसलिए भारत को PoK क्षेत्र पर नियंत्रण करने की जरूरत है।
अठावले ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत युद्ध छेड़ने से नहीं हिचकिचाएगा और केंद्र इस मामले को लेकर गंभीर है। उन्होंने विपक्ष से इस मुद्दे पर सरकार का साथ देने की अपील की।
उन्होंने कहा- विपक्ष को हमारे साथ खड़ा होना चाहिए। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने हमें यही सिखाया है कि जरूरत पड़ने पर देश के साथ खड़े होना चाहिए।”

बैसरन घाटी में हमले के बाद यहां पर टाइट सिक्योरिटी लगाई गई है।
22 अप्रैल को आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट मारे गए थे
22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट की मौत हो गई थी। जम्मू-कश्मीर में अब तक 10 आतंकवादियों के घरों को ब्लास्ट में उड़ा दिया गया है। NIA इस हमले की जांच कर रही है। भास्कर को सूत्रों ने बताया कि हमले से पहले आतंकियों ने रेकी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
एजेंसियों को शक है कि हथियारों की सप्लाई में भी चाइनीज ड्रोन का इस्तेमाल हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि हमले के बाद आतंकियों के पुलवामा या अनंतनाग भागने की आशंका है। हमले के बाद इन रास्तों पर हलचल देखी गई थी।
भारत सरकार ने कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया था। सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 26 अप्रैल (मेडिकल वीजा वालों को 29 अप्रैल) तक देश छोड़ने का निर्देश दिया है।
PoK से ऑपरेट कर रहे आतंकियों के 15 ठिकानों पर रेड
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रदेशभर में 15 से ज्यादा जगहों पर एक साथ छापेमारी की है।
ये छापेमारी उन आतंकियों के घरों पर हो रही है, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से गतिविधियां चला रहे हैं। यह अभियान आज सुबह डोडा और किश्तवाड़ जिलों से शुरू हुआ।

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सेना के जवान घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए।
4 पॉइंट्स में प्राइमरी जांच में हुए खुलासे को जानिए…
- बैसरन घाटी पर हमले से 5 दिन पहले ड्रोन उड़ते देखा गया। जांच एजेंसी के मुताबिक, आशंका है कि इसका रेकी करने और संभावित भीड़ का आकलन करने के लिए किया गया।
- जांच एजेंसियां इसरो की मदद से यह पता करने की तलाश में है कि क्या पहलगाम में असामान्य रेडियो सिग्नल ट्रैफिक देखा गया। ऐसा अनुमान है कि हथियारों की खेप भी ड्रोन से घाटी में पहुंचाई गई।
- एजेंसियों को शक है कि आतंकियों ने घोड़ेवालों को पैसे देकर क्षेत्र की रेकी करवाई थी। पर्यटकों के बीच घुलने-मिलने के लिए स्थानीय वेशभूषा और लोकल आईडी कार्ड इस्तेमाल किए।
- हमले के बाद आतंकी बैसरन से आरू-नगबल के ऊपरी घने इलाकों की तरफ बढ़े, जहां से सीधा नगबल नाला और फिर पश्चिम की तरफ खिरम और श्रीशैलम के इलाकों तक जाया जा सकता है। वहीं आरू के ऊपर स्थित छोटे ट्रैकिंग रूट्स से नीचे घाटी के घने इलाकों में पुलवामा या अनंतनाग की ओर रास्ते हैं। हमले के बाद के इन रास्तों पर हलचल देखी गई थी।

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