
एक ऐसा देश है जहां कई आम लोगों के पास अभी भी इंटरनेट की सुविधा नहीं है. जिनके पास इंटरनेट है, उन्हें हर घंटे सरकार के साथ स्क्रीनशॉट्स शेयर करने की जरूरत होती है.

- उत्तर कोरिया में लोग अभी भी 2G इंटरनेट का उपयोग करते हैं.
- इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को हर घंटे स्क्रीनशॉट सरकार को भेजने पड़ते हैं.
- सिर्फ सरकारी अधिकारियों को ही ग्लोबल वेब की पहुंच है.
नई दिल्ली. भारत और दुनिया में 5G लॉन्च हुए पांच साल हो चुके हैं और अब 6G की तैयारी हो रही है. इस तेजी से बदलती तकनीकी दुनिया में, एक ऐसा देश भी है जहां के लोग अभी भी 2G/3G के दौर में फंसे हुए हैं. यहां आम नागरिकों के पास ग्लोबल इंटरनेट की पहुंच नहीं है और वे पूरी तरह से सरकार के नियंत्रित इंट्रानेट पर निर्भर हैं. जिन लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा है, उन्हें हर घंटे एक स्क्रीनशॉट अधिकारियों को भेजना पड़ता है ताकि ये कंफर्म किया जा सके कि कोई भी सरकार विरोधी प्रचार शेयर न कर सके. हम बात कर रहे हैं उत्तर कोरिया की. साल 2023 में WIRED ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें देश के सख्त इंटरनेट नियमों का डिटेल दिया गया, जिससे पता चलता है कि वहां सूचना का प्रवाह कितना कड़ा नियंत्रण में है और बाहरी संचार के साधन लगभग न के बराबर हैं.
इंटरनेट पर प्रतिबंध
सरकार इस बात पर कड़ी नजर रखती है कि नागरिक इंटरनेट पर क्या खोज रहे हैं और क्या शेयर कर रहे हैं. स्मार्टफोन तक पहुंच सीमित है और जिनके पास स्मार्टफोन है, वे लगातार निगरानी में रहते हैं. उत्तर कोरिया में ज्यादातर लोग अभी भी बेसिक 2G फीचर फोन का उपयोग करते हैं. यहां तक कि स्मार्टफोन यूजर्स को भी अपनी गतिविधियों के स्क्रीनशॉट सरकार को जमा करने पड़ते हैं. इसके अलावा, अधिकारी नागरिकों के फैशन और जीवनशैली पर भी नजर रखते हैं.
उत्तर कोरिया में इंटरनेट नियम
वैश्विक इंटरनेट तक पहुंच केवल कुछ चुनिंदा लोगों को ही दी जाती है और वह भी सख्त सरकारी सेंसरशिप के साथ. आम जनता को विदेशी मीडिया तक पहुंचने का कोई मौका नहीं मिलता और यहां तक कि विदेशी रेडियो प्रसारण सुनना भी कानूनन दंडनीय है. उत्तर कोरिया के साइबर सुरक्षा और हैकिंग गतिविधियों को लेकर भी चिंताएं उठाई गई हैं.
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