
Reasons Australia Lost WTC Final: दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 का खिताब जीत लिया है. यह क्रिकेट इतिहास में दूसरी बार है जब दक्षिण अफ्रीका ने कोई ICC ट्रॉफी जीती है. फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 282 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे उसने टेस्ट के चौथे ही दिन हासिल कर लिया है. ऑस्ट्रेलिया बतौर गत चैंपियन यह फाइनल मैच खेल रही थी, लेकिन अपना खिताब बचा पाने में नाकाम रही. आखिर वो कौन से 3 कारण रहे, जिनकी वजह से ऑस्ट्रेलिया लगातार दूसरी बार WTC ट्रॉफी नहीं जीत पाई है.
1. दूसरी पारी में बल्लेबाजी ढह गई
लॉर्ड्स मैदान में खेले गए इस फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 212 रन बनाए थे. वहीं गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी को 138 रन पर समेट कर 74 रनों की बढ़त हासिल की थी. मैच में पूरे 3 दिन बचे हुए थे, ऑस्ट्रेलिया के पास मौका था कि वह सधी हुई बैटिंग करके दक्षिण अफ्रीका के सामने कम से कम 350 का टारगेट रखे. मगर दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी फ्लॉप रही, नतीजन उसके 7 विकेट 73 रन पर गिर गए थे. वो तो भला हो एलेक्स कैरी (43 रन) और मिचेल स्टार्क (58 रन) का, जिनकी बदौलत टीम 207 रन बना पाई. स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशेन समेत अन्य बल्लेबाजों ने थोड़े बहुत रन बनाए होते तो ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका के सामने 400 रनों का टारगेट भी रख सकती थी.
2. नाथन लायन को छोटे-छोटे स्पेल दिए
फाइनल मुकाबले में तेज गेंदबाजों का दबदबा रहा, लेकिन तीसरा दिन आने तक गेंद बहुत ज्यादा स्पिन होने लगी थी. दक्षिण अफ्रीका के लिए तीसरे दिन एडन मार्करम और टेंबा बवुमा सेट हो चुके थे, वहीं नाथन लायन की गेंद कई-कई डिग्री घूम रही थी. इसके बावजूद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने लायन को छोटे-छोटे स्पेल दिए. खासतौर पर तीसरे दिन के आखिरी ओवरों में मार्करम और बवुमा बहुत धीमे अंदाज में खेल रहे थे, ऐसे में नाथन लायन की फिरकी लेती गेंदों पर कसी हुई फील्डिंग सेट की गई होती तो शायद ऑस्ट्रेलियाई टीम विकेट लेकर दबाव बना सकती थी.
3. गलत प्लेइंग इलेवन का चयन
ऑस्ट्रेलियाई टीम ने प्लेइंग इलेवन में कैमरन ग्रीन को बतौर बल्लेबाज शामिल किया, जिसके कारण उन्होंने नंबर-3 पर बल्लेबाजी की. इसी वजह से मार्नस लाबुशेन को ओपनिंग में उतारा गया. इसका नतीजा ये निकला कि लाबुशेन दोनों पारियों में सिर्फ 39 रन बना सके, वहीं ग्रीन 2 पारियों में सिर्फ चार रन बना पाए. इससे बेहतर प्लेइंग इलेवन का चयन यह हो सकता था कि लाबुशेन को हमेशा की तरह नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने दिया जाता, वहीं ओपनिंग का जिम्मा सैम कोंस्टास को सौंपा जाता. कोंस्टास इससे पहले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन करके आए थे.
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