
रेलवे स्टेशन पर थूकने या गंदगी फैलाने पर भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 140 के तहत 500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. कुछ मामलों में यह अपराध दंडनीय भी हो सकता है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति को सजा भी हो सकती है, लेकिन आमतौर पर जुर्माना ही लगाया जाता है. रेलवे स्टेशनों के परिसर, प्लेटफार्म, लिफ्ट, फुट ओवरब्रिज और ट्रेन के अंदर थूक या कचरा फेंकने से न सिर्फ स्वच्छता प्रभावित होती है, बल्कि इससे यात्री भी असुविधा महसूस करते हैं.
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तीन महीनों में 32 लाख जुर्माना
पूर्व रेलवे (ईआर) ने साल के शुरूआती तीन महीनों में विभिन्न रेलवे स्टेशन परिसरों में थूकने वाले लोगों से 32 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला है. पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि जनवरी से मार्च 2025 तक विभिन्न स्टेशन परिसरों में थूकने और कूड़ा फैलाने के लिए कुल 31,576 व्यक्तियों को दंडित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप जुर्माने के रूप में 32,31,740 रुपये वसूल किये गए. अधिकारी ने कहा, ‘‘इन उपायों का उद्देश्य न केवल अनुशासन लागू करना है, बल्कि व्यवहार में दीर्घकालिक परिवर्तन लाना भी है.’
पटरियां कचरा मुक्त करने को चलाया अभियान
पूर्व रेलवे का मुख्यालय कोलकाता में है. इसने कहा कि वह स्टेशन परिसर में स्वच्छता सुनिश्चित करने और अपने पूरे नेटवर्क में रेल पटरियों को कचरा मुक्त बनाए रखने के लिए वह ठोस प्रयास कर रहा है. पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया, ‘‘(स्वच्छता में) सबसे बड़ी बाधा यह है कि कुछ यात्री और रेल उपयोगकर्ता प्लेटफॉर्म पर और स्टेशन परिसर में थूकते हैं और गंदगी फैलाते हैं.’’
गुलाब के फूल देकर किया सम्मानित
ईआर अधिकारी ने कहा कि जिन यात्रियों और विक्रेताओं ने स्वच्छता की अच्छी आदतें प्रदर्शित कीं, उन्हें गुलाब देकर सम्मानित किया गया और प्रोत्साहित किया गया. उन्होंने कहा कि पूर्व रेलवे ने विभिन्न स्टेशन पर व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किए हैं, जिसका उद्देश्य यात्रियों और रेल उपयोगकर्ताओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि ये अभियान स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और स्टेशन कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी से नियमित आधार पर चलाये जाते हैं.