
ED in Mumbai-Hyderabad Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई-हैदराबाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. प्रवर्तन निदेशालय ने वसई-विरार में जमीन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े नेटवर्क पर शिकंजा कसते हुए मुंबई और हैदराबाद में 13 ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी की कार्रवाई के दौरान 9.04 करोड़ रुपये नकद, हीरों से जड़े आभूषण और करीब 23.25 करोड़ रुपये मूल्य का सोना-चांदी जब्त किया गया. इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय के हाथों में बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज भी लगे हैं.
फर्जी दस्तावेज बनाकर किया निर्माण, फ्लैट बनाकर लोगों को बेचा
यह मामला वसई-विरार नगर निगम (VVMC) की 60 एकड़ सरकारी जमीन पर 41 अवैध रिहायशी और व्यावसायिक इमारतों के निर्माण से जुड़ा है. यह जमीन मूल रूप से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित थी. लेकिन बिल्डरों ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेज बनाकर निर्माण कार्य किया और जनता को गुमराह कर फ्लैट बेच दिए.
शेल कंपनियों और हवाला के जरिए हो रहा था नेटवर्क का संचालन
ईडी के मुताबिक, यह संगठित घोटाला मुंबई और हैदराबाद तक फैले कई शेल कंपनियों और हवाला नेटवर्क के जरिए संचालित किया जा रहा था. जांच में सामने आया है कि 2009 से ही इस अवैध निर्माण की शुरुआत हो चुकी थी और कई FIR भी मीरा-भायंदर पुलिस की ओर से दर्ज की गई थी.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने अवैध इमारतों का कराया ध्वस्तीकरण
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 8 जुलाई, 2024 को सभी 41 अवैध इमारतों को गिराने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा. VVMC ने 20 फरवरी, 2025 तक कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरी कर ली.
ईडी ने मामले में शुरू की पैसों की छानबीन
ईडी अब इस घोटाले से जुड़े पैसों के लेन-देन, शामिल व्यक्तियों और कंपनियों की पूरी श्रृंखला का पर्दाफाश करने में जुटी है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों का कहना है कि यह महज शुरुआत है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती जाएगी, इसमें कई और नए खुलासे भी हो सकते हैं.