
Ayurvedic chutney : उनकी इस चटनी का नाम मधुर वाणी है. हर महीने करीब 800 डिब्बे तैयार करते हैं. सहारनपुर और कई जिलों सहित उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा व पंजाब तक उनकी ये चटनी खूब बिक रही है.

नजला, खांसी, जुकाम, बुखार में रामबाण है घर की रसोई के मसालों से तैयारी यह चटनी
- सुधीर कुमार ने खांसी, जुकाम के लिए चटनी बनाई.
- चटनी में सोंठ, काली मिर्च, पिपली, मुलेठी, शहद शामिल हैं.
- मधुरवाणी चटनी 160 रुपये में 100 ग्राम बिकती है.
सहारनपुर. सुधीर की चटनी ब्रांड बन चुकी है, जो खांसी, नजला, जुकाम, बुखार और अन्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम है. सहारनपुर के रहने वाले सुधीर कुमार कई तरह के प्रोडक्ट्स बनाने के लिए अलग पहचान बन चुके हैं. ये चटनी उसी कड़ी का हिस्सा है. इस चटनी को घर की रसोई में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों से बनाया गया है, जो कई प्रदेशों में खूब बिक रही है. सुधीर कुमार 2011 से फूड प्रोसेसिंग में जुटे हैं. उन्होंने आयुर्वेद से प्राथमिक चिकित्सा का कोर्स भी किया है. सुधीर ने घर की रसोई में इस्तेमाल किए जाने वाले मसाले को मिलाकर के एक ऐसी चटनी बना दी है जो स्वाद देने के साथ नजला, खांसी, जुखाम और बुखार में भी रामबाण है.
160 रुपये का 100 ग्राम
उनकी इस चटनी का नाम मधुर वाणी है. हर महीने इसके करीब 800 डिब्बे तैयार करते हैं. वैध और हकीम लोग उनकी इस चटनी को अपनी चिकित्सा में शामिल करते हैं. सहारनपुर और कई जनपदों सहित उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा व पंजाब तक उनकी ये चटनी खूब बिक रही है. Local 18 से बातचीत में किसान सुधीर कुमार सैनी बताते हैं कि इस चटनी को तैयार करने के लिए कई चीजों का इस्तेमाल किया गया है. इनमें सोंठ, काली मिर्च, पिपली, मुलेठी, शहद और यवक्षार शामिल है. इस चटनी का अधिकतर इस्तेमाल सांस रोग, फेफड़ों के रोग, छोटे बच्चों से लेकर बड़ो को खांसी, नजला, जुखाम में होता है. 100 ग्राम की एक डिब्बी 160 रुपये में खूब बिक रही है.
इस्तेमाल का तरीका
इसे गर्म पानी के साथ दिन में तीन बार आधा-आधा चम्मच, बच्चों को एक चम्मच का चौथाई हिस्सा देना होता है. सर्दियों में इस चटनी की मांग और बढ़ जाती है जबकि गर्मियों में भी ये काफी फायदेमंद है.