
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को प्रमुख ब्याज दरों का ऐलान कर दिया। फेडरल रिजर्व ने हाल ही में टैरिफ वृद्धि और मिश्रित आर्थिक संकेतकों से उत्पन्न हुई आर्थिक अनिश्चितता का हवाला देते हुए प्रमुख ब्याज दरों को 4.25%-4.5% पर बरकरार रखते हुए अपनी मई 2025 की पॉलिसी मीटिंग का समापन किया। ये निर्णय बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप है और महंगाई के दबाव और संभावित आर्थिक मंदी के बीच जटिल अंतर्क्रिया को नेविगेट करने में केंद्रीय बैंक के सतर्क दृष्टिकोण को दर्शाता है।
उच्च बेरोजगारी और उच्च मुद्रास्फीति के जोखिम में बढ़ोतरी
फेडरल कमेटी ने एक बयान में कहा, “आर्थिक दृष्टिकोण के बारे में अनिश्चितता और बढ़ गई है। कमेटी अपने दोहरे अधिदेश के दोनों पक्षों के लिए जोखिमों के प्रति सतर्क है और ये मानती है कि उच्च बेरोजगारी और उच्च मुद्रास्फीति के जोखिम बढ़ गए हैं। ये देखते हुए कि “शुद्ध निर्यात में उतार-चढ़ाव” ने आर्थिक गतिविधि को प्रभावित नहीं किया है। कमेटी ने कहा कि ट्रेजरी सिक्यॉरिटी और एजेंसी डेट और एजेंसी मॉर्गेज-बैक्ड सिक्यॉरिटी की अपनी होल्डिंग्स को कम करना जारी रखेगी।
लगातार तीसरी बार स्थिर रखी गई दरें
फेड अधिकारियों ने दिसंबर के बाद से उधार लेने की लागत में कटौती नहीं की है और संकेत दिया है कि वे विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर ट्रम्प के टैरिफ के प्रभावों का आकलन करते समय इस पर रोक लगाए रखेंगे। बताते चलें कि ये लगातार तीसरी बार है, जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने प्रमुख ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला किया है।
आरबीआई ने इस साल रेपो रेट में दो बार की कटौती
बताते चलें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रैल, 2025 में लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती की थी। आरबीआई ने अप्रैल में रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत से घटाकर 6.00 प्रतिशत कर दिया था। इससे पहले, आरबीआई ने फरवरी में भी रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती करते हुए इसे 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई की अगली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग जून में होनी है।