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बुधवार 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज द्वारा CLAT के सवालों को बनाने में लापरवाही बरतने को लेकर नाराजगी जताई है। जस्टिस बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच CLAT UG 2025 से संबंधित हाईकोर्ट के फैसले को चैलेंज करने वाली अर्जी की सुनवाई कर रहे थे। बेंच ने CLAT UG 2025 के कई सवालों में गलतियां निकाली थीं।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमें कंसोर्टियम के उस लापरवाही भरे तरीके पर पीड़ा व्यक्त करनी चाहिए, जिससे CLAT के सवालों को बनाया गया जिसपर देश के लाखों स्टूडेंट्स का भविष्य निर्भर है।’
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से साफ है कि कई सवाल सही नहीं थे। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने कई सवालों को देखते हुए फैसला दिया था। इसी के साथ कोर्ट ने पूछा कि CLAT का एग्जाम कंडक्ट कराने के लिए कोई स्थाई सिस्टम क्यों नहीं है।
30 अप्रैल को हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई
30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। जस्टिस BR गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने 23 अप्रैल के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चैलेंज करने वाली CLAT कैंडिडेट की अर्जी को सुनने का फैसला किया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (CNLU) को CLAT UG-2025 की मार्कशीट्स रिवाइज करने और चार हफ्तों के अंदर फाइनल कैंडिडेट्स की लिस्ट दोबारा पब्लिश करने का आदेश दिया था। CNLU ही CLAT एग्जाम का आयोजन करता है।

CLAT 2025 का एग्जाम पिछले साल 1 दिसंबर को हुआ था और 7 दिसंबर को इसका रिजल्ट जारी किया गया था। इसके बाद अलग-अलग कोर्ट में केस दर्ज किए गए जिनमें कहा गया कि एग्जाम में कई गलत सवाल पूछे गए थे। 6 दिसंबर को इन सभी केसों को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने 2 सवालों में गलती मानी थी
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक कैंडिडेट आदित्य सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए 2 सवालों में गलतियां मानीं और रिजल्ट सुधारने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (CNLU) को सेट-A के क्वेश्चन नंबर 14 और 100 से जुड़े सुधार कर नया रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है।
‘दो सवाल साफ तौर पर गलत, आंखें मूंदकर अन्याय नहीं कर सकते’: हाईकोर्ट
CLAT 1 दिसंबर 2024 को हुआ था। फाइनल आंसर-की 9 दिसंबर और रिजल्ट 10 दिसंबर को जारी होना था, लेकिन कंसोर्टियम ने बिना किसी पूर्व सूचना के 7 दिसंबर की देर रात फाइनल आंसर-की और रिजल्ट एकसाथ घोषित कर दिया। रिजल्ट में गलतियों की शिकायतें भी आईं, लेकिन उनका निपटारा किए बगैर काउंसिलिंग शुरू कर दी गई।
CLAT देने वाले आदित्य सिंह के पिता पंकज विवेक ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रिजल्ट को चुनौती दी। उन्होंने फाइनल आंसर-की रद्द करने और काउंसिलिंग रोकने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट की जज ज्योति सिंह ने याचिका को जायज मानते हुए फैसला सुनाया। उन्होंने पेपर के सेट-A के क्वेश्चन नंबर 14 और 100 के गलत उत्तरों को सही करने और इसके बाद ही नया रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है।

अपने फैसले में कोर्ट का कहना था, ‘सवाल नंबर 14 और 100 में साफ तौर पर गलतियां हैं। इस पर आंखों पर पट्टी बांध लेना, याचिकाकर्ता के साथ अन्याय होगा।’ कोर्ट ने यह भी कहा कि उसे ये पता है कि इससे बाकी कैंडिडेट्स का रिजल्ट भी प्रभावित हो सकता है। कोर्ट ने कहा, ‘उन सभी कैंडिडेट्स को फायदा दिया जाए, जिन्होंने सेट A के 14वें सवाल का आंसर C दिया था, क्योंकि कोर्ट और एक्सपर्ट कमेटी ने C को ही सही जवाब माना है। वहीं सवाल नंबर 100 को एक्सपर्ट कमेटी की सलाह के मुताबिक, क्वेश्चन पेपर से हटाते हुए नया रिजल्ट तैयार किया जाए।
CLAT एक्सपर्ट सागर जोशी के मुताबिक, इस फैसले के बाद न केवल रिजल्ट बल्कि कई स्टूडेंट्स की रैंक बदल जाएगी।
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