

सरजाल आतंकी कैंप में भारत का हमला
नई दिल्ली: पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में भारतीय सेना की ओर से किए गए सटीक हमले का एक टारगेट सरजाल के तेहरा कलां गांव में गोपनीय तरीके से संचालित जैश-ए-मोहम्मद का संचार नेटवर्क भी था। यह संचार नेटवर्क सुरक्षा एजेंसियों के लिए लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ था। इस जगह पर High Frequency (HF) संचार व्यवस्था थी, जो जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के लिए मददगार साबित होती थी।
हमले में नष्ट किया गया संचार नेटवर्क
बुधवार तड़के आतंकवादी ठिकानों पर भारत के हमले के दौरान इस नेटवर्क को भी नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तान के पंजाब राज्य के शकरगढ़ में सरजाल आतंकी कैंप को इसके संचार ढांचे के कारण महत्वपूर्ण लक्ष्य के रूप में चिन्हित किया गया था। सूत्रों ने कहा कि इस संचार ढांचे को निशाना बनाए जाने से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की सीमा पार अपने आकाओं के साथ संचार व्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचने की संभावना है।
आतंकियों को मिलती रही है मदद
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ‘इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई), लोरा (लॉन्ग रेंज) अल्ट्रा सेट और डिजिटल मोबाइल रेडियो (डीएमआर) सहित सैन्य स्तर के संचार उपकरणों की आपूर्ति करती रही है, जिससे आतंकवादियों को पारंपरिक दूरसंचार नेटवर्क से बचकर निकलने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तानी सेना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ-साथ अपनी दूरसंचार कंपनियों के सिग्नल को मजबूत किया है। इससे घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को मदद मिलती है। ऐसा करने से आतंकियों के पकड़े जाने का जोखिम कम हो जाता है। (भाषा)
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