
Food Price Down : सब्जियों की कीमतों में नरमी आने की वजह से अप्रैल में किचन का बोझ कम हो गया. शाकारी थाली के साथ-साथ नॉनवेज खाना भी सस्ता हुआ है. क्रिसिल की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि आने वाले महीने मे…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- सब्जियों की कीमतों में गिरावट से रसोई का बोझ कम हुआ.
- शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमतें घटीं.
- आने वाले महीनों में रसोई का खर्च और कम हो सकता है.
नई दिल्ली. सब्जियों की कीमतों में नरमी की वजह से रसोई का बोझ कम हो गया है. घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने ‘रोटी चावल कीमत’नाम से जारी रिपोर्ट में बताया है कि इस साल अप्रैल में सब्जियों की कीमतों में नरमी से घर में बने भोजन की लागत में कमी आई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल में एक सामान्य शाकाहारी थाली की लागत सालाना आधार पर 4 फीसदी और मासिक आधार पर 1 फीसदी कम होकर 26.3 रुपये रह गई है.
सब्जियों की कीमतों में तेज गिरावट के कारण भोजन सस्ता हुआ है. अप्रैल महीने में टमाटर 34 फीसदी, आलू 11 फीसदी और प्याज 6 फीसदी सस्ता हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च आयात शुल्क के कारण वनस्पति तेल की कीमतों में 19 फीसदी और एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 6 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. इसकी वजह से थाली की लागत में गिरावट कम दिखी. अगर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी न होती तो थाली की कीमत और कम हो जाती है.
नॉनवेज खाना भी सस्ता
टमाटर, प्याज की कीमतों में आई नरमी की वजह से शाकाहारी खाने के साथ-साथ मांसाहारी थाली की कीमत भी कम हो गई है. नॉनवेज थाली भी सालाना आधार पर 4 फीसदी और मासिक आधार पर 2 फीसदी की गिरावट आई है और यह 53.9 रुपये प्रति थाली पर आ गई है. इस तरह देखा जाए तो शाकाहारी थाली से ज्यादा मांसाहारी थाली ज्यादा सस्ती हो गई है.
चिकन की कीमतों में भी गिरावट
रिपोर्ट कहती है कि मांसाहारी भोजन की कीमत में गिरावट सब्जियों और पॉल्ट्री की कीमतों में कमी के कारण हुई है. चिकन यानी पॉल्ट्री की कीमतों में यह गिरावट कुछ राज्यों में बर्ड फ्लू के कारण मांग प्रभावित होने से आई है. हालांकि, कुछ राज्यों में पॉल्ट्री की सप्लाई कम होने के कारण इसकी कीमतों में बढ़ोतरी भी दिख रही है.
आगे भी कम हो सकती है कीमत
क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा का कहना है कि आने वाले दिनों में मजबूत घरेलू उत्पादन के बीच गेहूं और दालों की कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है. वैश्विक आपूर्ति में तेजी आने से खाद्य तेल की कीमतों में भी अगले 2-3 महीनों में नरमी आ सकती है. इसका मतलब है कि आने वाले समय में रसोई का बोझ और कम होने वाला है.