
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा कि इन मॉक ड्रिल्स के आयोजन के पीछे का उद्देश्य एयर-रेड वार्निंग सायरन्स के क्रियान्वयन की जांच करना है और सामान्य नागरिकों को किसी भी हॉस्टाइल हमला होने की स्थिति में खुद की सुरक्षा करने के लिए सिविल-डिफेंस के पहलुओं पर प्रशिक्षित करना है.
मॉक ड्रिल्स में नागरिकों को विभिन्न हालातों में सुरक्षा के लिए बताए जाएंगे तरीके
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक इन मॉक डिल्स के दौरान आम नागरिकों को क्रैश-ब्लैकआउट के उपाय, किसी स्थान को कैमुफ्लाज करने और किसी भी हमले के समय सुरक्षित निकासी के तरीकों का अभ्यास कराना शामिल होगा.
इसके अलावा मॉक ड्रिल्स के दौरान भारतीय वायुसेना (IAF) के साथ हॉटलाइन और रेडियो-कम्युनिकेशन लिंक्स की कार्यक्षमता को लागू करना और कंट्रोल रूम्स और शैडो कंट्रोल रूम्स की कार्यक्षमता की जांच करना शामिल है.