
China on India Pakistan Tension: पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भारत ने अगर शहबाज शरीफ के देश पर हमला किया तो चीन खुले तौर पर भारत के खिलाफ आकर खड़ा हो जाए. हालांकि क्वाड देशों क…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- पहलगाम हमले के बाद QUAD देश भारत के साथ मजबूती से खड़े हैं.
- चीन को पाकिस्तान का समर्थन करने से पहले सोचना होगा.
- पहलगाम हमले के बाद भारत कभी पर पाक से बदला ले सकता है.
China on India Pakistan Tension: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच हर कोई यह जानना चाहता है कि कौन सा देश किसके साथ खड़ा है. पाकिस्तान को अपने खास दोस्त चीन और तुर्की का भरपूर साथ मिल रहा है. इसी बीच क्वाड देश भारत के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं. क्वाड का गठन हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए किया गया था. जिसका मकसद मूल रूप से चीन की विस्तारवादी नीतियों पर लगाम लगाना था. अगर भारत-पाकिस्तान के बीच जंग होती है तो चीन खुले तौर पर शहबाज शरीफ के देश के समर्थन में आने से पहले 100 बार सोचेगा. अगर ऐसा हुआ तो क्वाड देश इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे.
ऑस्ट्रेलिया बोला- हम चट्टान की तरह खड़े हैं
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने चुनाव जीता. जिसके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी टेलीफोन पर बातचीत हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने साझेदारी को और मजबूती देने पर चर्चा की. अल्बनीज ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ “चट्टान की तरह खड़ा” है. यह बयान ऐसे समय आया है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद चीन के सहयोग से पाकिस्तान एक बार फिर क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है. चीन पहले से ही दक्षिण चीन सागर और ताइवान को लेकर पश्चिमी देशों के निशाने पर है. अब अगर वो पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करता है, तो उसे क्वाड देशों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है. चीन बार-बार यह कह चुका है कि क्वाड का गठन उसके खिलाफ किलेबंदी के लिए किया गया है.
चीन ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया तो मिलेगा जवाब
पिछले कुछ सालों में क्वाड को भारत ने केवल सैन्य गठबंधन तक ही सीमित नहीं रखा है. अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भारत के अच्छे रणनीतिक साझेदार भी हैं. कोविड के वक्त भारत ने इन सभी देशों को मुश्किल समय में वैक्सीन उपलब्ध कराई थी. भारत के साथ खड़ा क्वाड केवल एक मंच नहीं बल्कि शक्ति संतुलन बनने में यह अहम भूमिका भी निभा रहा है. यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर चीन ने पाकिस्तान को खुला समर्थन दिया, तो उसे केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे क्वाड की संगठित प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा.
पहलगाम पर US-जापान का आधिकारिक रुख क्या है?
भारत-पाकिस्तान तनाव पर अमेरिका और जापान दोनों देशों का आधिकारिक रुख संतुलित और रहा है. अमेरिका बार-बार दोनों देशों से बातचीत और कूटनीतिक समाधान की अपील करता रहा है. अमेरिका ने कहा कि वाशिंगटन आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की चिंताओं को गंभीरता से लेता है और पाकिस्तान से ठोस कार्रवाई की अपेक्षा करता है. जापान का कहना है कि वो क्षेत्रीय शांति का पक्षधर है और हिंसा के विरुद्ध है. वह भारत-पाक तनाव को बातचीत के जरिए सुलझाने का समर्थन करता है. दोनों देश किसी भी संघर्ष की स्थिति में तनाव कम करने की दिशा में सक्रिय रूप से कूटनीतिक प्रयासों की वकालत करते हैं.