
हम आपको बता दें कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पाकिस्तान द्वारा पेश किए गए “फॉल्स फ्लैग” के कथानक को स्वीकार करने से इंकार कर दिया और पूछा कि क्या पाकिस्तान से जुड़ा प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा इस आतंकी हमले में शामिल हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि आतंकी हमले की व्यापक रूप से निंदा की गई और जवाबदेही तय करने की जरूरत पर जोर दिया गया। कुछ सदस्यों ने विशेष रूप से पर्यटकों को उनके धार्मिक विश्वास के आधार पर निशाना बनाए जाने की बात उठाई। रिपोर्टों के मुताबिक कई सदस्यों ने पाकिस्तान द्वारा किए गए मिसाइल परीक्षणों और उसकी परमाणु बयानबाजी को तनाव बढ़ाने वाला बताया। बैठक में पाकिस्तान को भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से मुद्दे सुलझाने की सलाह दी गई।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में राजदूतों ने दोनों देशों से संयम बरतने और संवाद करने का आह्वान किया। हम आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मई महीने के लिए अध्यक्ष यूनान ने पाकिस्तान के अनुरोध पर सोमवार को बैठक निर्धारित की थी। पाकिस्तान वर्तमान में सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है। सुरक्षा परिषद की यह बैठक दोपहर को लगभग डेढ़ घंटे तक चली। बैठक का आयोजन ‘यूएनएससी चैंबर’ में नहीं बल्कि उसके बगल के परामर्श कक्ष में हुआ। सुरक्षा परिषद ने बैठक के बाद कोई बयान जारी नहीं किया लेकिन पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके उद्देश्य ‘‘काफी हद तक पूरे हो गए’’।
हम आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में राजनीतिक और शांति निर्माण मामलों के विभाग (डीपीपीए) एवं शांति अभियान विभाग (डीपीओ) में पश्चिम एशिया, एशिया और प्रशांत मामलों के लिए सहायक महासचिव खालिद मोहम्मद खैरी ने दोनों विभागों की ओर से सुरक्षा परिषद को जानकारी दी। खालिद मोहम्मद खैरी ट्यूनीशिया से हैं। बैठक से बाहर आकर खैरी ने कहा कि ‘‘संघर्ष का समाधान संवाद और शांतिपूर्ण तरीके से निकालने’’ का आह्वान किया गया। उन्होंने कहा कि ‘‘स्थिति काफी अस्थिर है।’’ उधर, संयुक्त राष्ट्र में यूनान के स्थायी प्रतिनिधि एवं वर्तमान यूएनएससी अध्यक्ष राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने इसे ‘‘सार्थक और उपयोगी बैठक’’ बताया। बैठक से बाहर आकर रूस के एक राजनयिक ने कहा, ‘‘हमें तनाव कम होने की उम्मीद है।”
वहीं संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में देश के उद्देश्य ‘‘काफी हद तक पूरे और हासिल किए गए’’। उन्होंने कहा कि बंद कमरे में हुई बैठक का उद्देश्य परिषद के सदस्यों को भारत-पाकिस्तान के बीच बिगड़ते सुरक्षा माहौल और बढ़ते तनाव पर चर्चा करने तथा इस स्थिति से निपटने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाना है। इसमें गंभीर परिणाम पैदा करने वाले टकराव से बचना और तनाव कम करने की आवश्यकता भी शामिल है। अहमद ने परिषद के सदस्यों को उनकी भागीदारी और संयम, तनाव कम करने और बातचीत के लिए उनके आह्वान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टकराव नहीं चाहता, लेकिन ‘‘हम अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं’’।