
Pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों तनाव का माहौल है. इस आतंकी वारदात के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त एक्शन लिए, जो पड़ोसी मुल्क के लिए किसी झटके से कम नहीं है. हालांकि, इसी बीच पाकिस्तान की 25 करोड़ आबादी ने कुछ राहत की सांस ली है. आइए आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं.
केंद्रीय बैंक ने घटाई ब्याज दरें
दरअसल, पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने सोमवार को 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के साथ नीतिगत ब्याज दर को घटाकर 11 परसेंट कर दिया है. इसके पीछे महंगाई के मोर्चे पर हालत कुछ सुधरने की वजह बताई गई. बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने कहा कि उसकी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने ब्याज दर को 12 परसेंट से घटाकर 11 परसेंट करने का फैसला किया है.
पाकिस्तान में पिछले छह महीने से महंगाई दर में गिरावट देखी गई है. अप्रैल में वार्षिक मुद्रास्फीति दर में 0.3 परसेंट तक की गिरावट आई है. इसके बाद से लोग यहां ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कर रहे थे. पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक लगातार नीतिगत दर में कटौती कर रहा है और जून 2023 में 22 से अब तक इसे 10 परसेंट तक घटाया जा चुका है.
जून 2023 में 22 परसेंट के हाई लेवल पर
बता दें कि यह ब्याज दर 2023 के जून में 100 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी के साथ 22 परसेंट पर पहुंच गया था, जिसमें केंद्रीय बैंक ने लगातार 6 बार कोई बदलाव नहीं किया. इसके बाद जून 2024 से बैंक ने ब्याज दरों में लगातार कटौती की है. हालांकि, मार्च में इसमें कोई बदलाव न करते हुए इसे 12 परसेंट पर ही बरकरार रखा गया था. ब्याज दर में नई कटौती 6 मई, 2025 से प्रभावी होगी.
ब्याज दरों में कटौती का असर
ब्याज दरों में कटौती का पाकिस्तान की इकोनॉमी पर बेहतर असर पड़ने की उम्मीद है क्योंकि इससे व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए लोन लेना आसान हो जाएगा, निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इससे महंगाई को काबू में रखने में भी मदद मिलेगी.
पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक का यह फैसला अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के 7 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज के तहत 1 बिलियन डॉलर की अगली किश्त पर निर्णय आने से पहले लिया गया.
इस मामले में भारत से निकला आगे
पाकिस्तान ब्याज दरों में कमी करने के मामले में भारत से आगे निकल गया है. रिजर्व बैंक ने अब तक नीतिगत दर में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है, जिसमें से 25 आधार अंक फरवरी में और 25 आधार अंक की कटौती अप्रैल में की गई थी.
अब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि मौजूदा वित्त वर्ष में RBI रेपो रेट में 125 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर सकता है. इसमें से 75 आधार अंक की कटौती जून और अगस्त में होने की उम्मीद जताई जा रही है. जबकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 50 आधार अंक की कटौती हो सकती है.
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