
IGI एयरपोर्ट का मुख्य रनवे CAT-IIIB अपग्रेडेशन के बाद आज से फिर चालू हो गया है, जिससे उड़ानों में देरी और डायवर्जन की समस्या सुलझ जाएगी.

हाइलाइट्स
- IGI एयरपोर्ट का मुख्य रनवे आज से फिर चालू हो गया है.
- CAT-IIIB अपग्रेडेशन से उड़ानों में देरी और डायवर्जन कम होंगे.
- रनवे 10/28 को जून-सितंबर 2025 में फिर बंद किया जाएगा.
नई दिल्ली. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) का मुख्य रनवे के पिछले कुछ दिनों से CAT-IIIB इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए बंद होने से बहुत सी उड़ानों में देरी तो हो ही रही थी साथ ही कई फ्लाइट्स को डाइवर्ट भी करना पड़ रहा था. लेकिन, आज से यह समस्या सुलझ जाएगी क्योंकि दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने आज से इस रनवे को फिर से चालू कर दिया है. हालांकि, अभी रनवे पर अपग्रेडेशन का काम पूरा नहीं हुआ है.
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) के मुख्य रनवे 10/28 को 8 अप्रैल को बंद किया गया था ताकि यहां CAT-IIIB इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) को अपग्रेड किया जा सके. वसंत विहार की ओर पुराने सिस्टम को बेहतर किया गया है और द्वारका की ओर पर पहली बार CAT-IIIB सिस्टम लगाया गया है. गौरतलब है कि इस रनवे के बंद होने के कारण IGI एयरपोर्ट की क्षमता घट गई थी और तीन रनवे ही संचालन में थे. पूर्वी हवाओं के चलते एयरपोर्ट हर घंटे अधिकतम 32 विमान ही लैंड करा पा रहा था, जबकि इससे कहीं अधिक फ्लाइट्स की योजना बनी होती है. इससे रोजाना औसतन 94 फ्लाइट्स प्रभावित हो रही थीं.
रनवे बंद होने से भारी दिक्कतें
रनवे बंद होने के बाद दिल्ली में उड़ानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पिछले कुछ समय से चल रही असामान्य पूर्वी हवाओं के कारण विमानों को द्वारका की ओर से उतरना पड़ रहा था और वसंत विहार की ओर से उड़ान भरनी पड़ रही थी. इससे एयर ट्रैफिक प्रभावित हुआ और कई उड़ानों में देरी व डायवर्जन देखने को मिला.
सरकार ने किया हस्तक्षेप
यात्रियो को हो रही परेशानी को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) को सलाह दी थी कि ILS सिस्टम का कार्य गर्मी की छुट्टियों के बाद किया जाए. हालांकि DIAL ने बताया कि यह कार्य सभी जरूरी एजेंसियों की सहमति के बाद तय योजना के तहत किया गया है. DIAL का कहना है कि रनवे 10/28 को जून से सितंबर 2025 के बीच एक बार फिर बंद किया जाएगा, जब पर्यटकों की संख्या कम होगी और हवा की दिशा भी अनुकूल होगी.