

हवाई क्षेत्र प्रतिबंध का उद्देश्य भारतीय वायुसेना की युद्ध तैयारियों के हिस्से के रूप में लड़ाकू जेट, निगरानी विमान और अन्य हवाई अभियानों की तैनाती सहित कई गतिविधियों को सुविधाजनक बनाना है।
हवाई क्षेत्र प्रतिबंध का उद्देश्य भारतीय वायुसेना की युद्ध तैयारियों के हिस्से के रूप में लड़ाकू जेट, निगरानी विमान और अन्य हवाई अभियानों की तैनाती सहित कई गतिविधियों को सुविधाजनक बनाना है। अभ्यास का समय और स्थान महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में सीमा पार की घटनाओं के बाद इस क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। हालांकि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अभ्यास को वर्तमान भू-राजनीतिक घटनाक्रमों से विशेष रूप से नहीं जोड़ा है, लेकिन यह अभ्यास भारत की सैन्य तत्परता का प्रदर्शन और बढ़ती क्षेत्रीय चिंताओं के बीच सतर्कता का संकेत है। भारतीय वायुसेना अधिकारी के एक अधिकारी ने कहा कि एयरफोर्स 7 मई से भारत-पाकिस्तान सीमा पर रेगिस्तानी क्षेत्र और आस-पास के इलाकों में युद्धाभ्यास करेगी जिसमें राफेल, मिराज 2000 और सुखोई-30 सहित सभी अग्रणी फाइटर जेट शामिल होंगे। युद्धाभ्यास का समय और स्थान महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस क्षेत्र में हाल ही में सीमा पार की घटनाओं के बाद तनाव बढ़ गया है।
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