
डायबिटीज और कैंसर से भी लड़ने की क्षमता
टेलर एंड फ्रांसिस जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च में दावा किया गया कि नीम के फूलों में टी फंगल गुण, एंटीइंफ्लेमेटरी गुण और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. रोजाना इसके सेवन करने से खून साफ होता है, चेहरे पर ग्लो आता है और दाग-धब्बे, मुंहासों के साथ इंफेक्शन से भी मुक्ति मिलती है. अध्ययन में पाया गया कि अन्य पौधों के भागों की तुलना में नीम के फूल में कम हानिकारक और अधिक लाभदायक कंपाउड मिले रहते हैं. अध्ययन के मुताबिक नीम के फूल में इथेनॉलिक अर्क डायबिटीज और कैंसर कोशिकाओं से लड़ने की क्षमता है.
पाचन तंत्र के लिए रामबाण
आयुर्वेद में नीम के फूल का शरबत पेट के लिए रामबाण माना जाता है. यह पाचन तंत्र को बेहतर करने, खून साफ करने के साथ डायबिटीज के लिए भी बहुत उपयोगी है. इसमें मौजूद गुण पेट को साफ और पाचन तंत्र को हेल्दी रखते हैं. अपच, वात, कब्ज समेत अन्य समस्याओं में भी यह बहुत उपयोगी है. इसके सेवन से पेट में मौजूद कीड़े भी खत्म हो जाते हैं. फूलों में मौजूद एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण पाए जाते हैं. स्किन से जुड़ी समस्याओं में भी फायदा मिलता है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही भूख भी बढ़ाता है. गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप और बढ़ते तापमान के कारण सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं. ऐसे में नीम के फूलों का शरबत पीना शरीर के लिए लाभदायी है. नीम के फूलों की चाय या काढ़ा सर्दी-जुकाम और बुखार में राहत देता है.
लीवर को डिटॉक्स करने में सहायक
नीम के फूल शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने में मदद करते हैं, विशेष रूप से लिवर के कार्य को सुधारने में. नीम का फूल लिवर की सफाई करता है और लिवर से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करता है.
इम्यूनिटी को मजबूत करता
नीम के फूल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसके नियमित सेवन से मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी और बुखार से बचाव होता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से भी बचाते हैं.