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बैंक की स्थापना 20 जुलाई 1908 को बड़ौदा के महाराजा, महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III ने गुजरात में की थी।
वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के नतीजों के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर आज यानी, 6 मई को 11% गिरकर 222 रुपए पर बंद हुए। जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम यानी, ब्याज आय 7% घट गई है जिस कारण शेयरों में ये गिरावट आई है।
हालांकि, बैंक का नेट प्रॉफिट 3.2% बढ़कर 5,047.7 करोड़ रुपए हो गया है। कंपनी ने पिछले साल की मार्च तिमाही में 4,886.5 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था। यह 4 जून 2024 के बाद बैंक के शेयरों में आई सबसे बड़ी गिरावट है। तब इसके शेयर 16% गिर गए थे।
बैंक का स्टैडअलोन रिजल्ट, नेट NPA घटकर 2.26% रहा
- बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम 7% घटकर 11,019 करोड़ रुपए रह गई, जो पिछले साल की समान तिमाही में 11,793 करोड़ रुपए थी।
- कुल आय बढ़कर 35,852 करोड़ रुपए हो गई। पिछले साल की समान तिमाही में 33,775 रुपए थी।
- प्रोविजन्स से पहले ऑपरेटिंग प्रॉफिट 8,132 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही के 8,106 करोड़ रुपए से थोड़ा ज्यादा है।
- टैक्स एक्सपेंसेज बढ़कर 1523 करोड़ रुपए हो गए हैं। पिछले साल की समान तिमाही में ये 1303 करोड़ रुपए रहे थे।
- प्रोविजन्स और कंटीजेंसीज एक साल पहले के 1,302 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,551 करोड़ रुपए हो गईं।
- ग्रॉस NPA रेश्यो एक साल पहले के 2.92% से घटकर 2.26% हो गया। नेट NPA 0.68% से सुधरकर 0.58% हो गया।
पूरे साल में बैंक को 19,581 करोड़ रुपए का मुनाफा
वित्त वर्ष 2025 के पूरे साल के लिए, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 19,581 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। ये वित्त वर्ष 2024 में 17,788 करोड़ रुपए रहा था। पूरे साल की नेट इंटरेस्ट इनकम 44,368 करोड़ रुपए रही। एक साल पहले ये 45,231 करोड़ रुपए रही थी।
बैंक अपने शेयरधारकों को 8.35 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड यानी, लाभांश भी देगा। इसके लिए बैंक ने रिकॉर्ड/कट ऑफ डेट 06 जून 2025 तय की है। यानी 06 जून 2025 तक शेयर रखने वाले शेयरधारक डिवेडेंड पेमेंट के लिए पात्र होंगे।
1908 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III ने बैंक बनाया था
बैंक की स्थापना 20 जुलाई 1908 को बड़ौदा के महाराजा, महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III ने गुजरात में की थी। भारत सरकार ने 19 जुलाई 1969 को इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया था। यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा सरकार बैंक है। इसका मुख्यालय वडोदरा है।
2019 में विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया। इसकी 8,100+ शाखाएं, 25,000+ कस्टमर कॉन्टेक्ट पॉइंट (5,000+ शाखाएं, 6,250+ एटीएम), और 105 विदेशी शाखाएं है। मार्च 2024 तक इसके 75,515 कर्मचारी थे।