
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड के शेयरों ने 5 साल में 1500% का रिटर्न दिया है. कंपनी ने शुक्रवार को एक अहम अधिग्रहण का ऐलान किया है इससे शेयरों में 5 मई को एक्शन देखने को मिल सकता है.

हाइलाइट्स
- अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने IDL एक्सप्लोसिव्स का अधिग्रहण किया.
- 5 साल में अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर में 1500% बढ़ोतरी हुई.
- अधिग्रहण से डिफेंस एक्सप्लोसिव सेक्टर में विनिर्माण क्षमता बढ़ेगी.
मुंबई. मल्टीबैगर डिफेंस स्टॉक अपोलो माइक्रो सिस्टम्स खबरों के चलते 5 मई सोमवार के कारोबारी सत्र के दौरान फोकस में रहेगा. दरअसल, कंपनी ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अपोलो डिफेंस इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से ₹107 करोड़ में आईडीएल एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड का अधिग्रहण करने के लिए शेयर बायिंग एग्रीमेंट किया है. यह ऐलान 2 मई को बाजार बंद होने के बाद किया गया. इस डील के दो से तीन महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है. शेयर बाजार को दी सूचना में कंपनी ने कहा कि इस अधिग्रहण का उद्देश्य डिफेंस एक्सप्लोसिव के सेक्टर में अपनी विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना है, ताकि तोपखाने और मिसाइलों की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा किया जा सके.
5 साल में 1500% का रिटर्न
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर लंबी अवधि में निवेशकों के लिए मल्टीबैगर साबित हुए हैं. शुक्रवार को बीएसई पर कंपनी के स्टॉक 0.64% गिरकर ₹116.40 के स्तर पर बंद हुए. पिछले पांच सालों में अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर की कीमत में 1500% की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, पिछले एक साल में इस शेयर ने रिटर्न के लिहाज से काफी निराश किया है.
क्या है कंपनी का कारोबार
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (Apollo Micro Systems Ltd) डिफेंस सेक्टर में सक्रिय एक भारतीय कंपनी है, जो रक्षा, अंतरिक्ष और आंतरिक सुरक्षा क्षेत्रों के लिए हायर परफॉर्मेंस इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सॉल्युशन तैयार करती है.
उधर, आईडीएल एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड, जीओसीएल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. यह कंपनी जो हिंदुजा समूह से संबंधित है, जो माइनिंग और इंफ्रा सेक्टर में इस्तेमाल किए जाने वाले विस्फोटक उत्पाद तैयार करती है.
(डिस्क्लेमर: यहां शेयर को लेकर दी गई जानकारी किसी भी तरह से निवेश की सलाह नहीं है. चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए पैसा लगाने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें.)