
रामनगर के बैलपड़ाव कस्बे में स्थित यह दुकान चंदन उर्फ बिट्टू द्वारा चलाई जाती है. बिट्टू हर सुबह 4 बजे दुकान खोलते हैं और रात 8 बजे तक ग्राहकों को चाय परोसते हैं. खास बात यह है कि ग्राहक नंबर से चाय पीते हैं और घंटों इंतजार के बाद भी उनके चेहरे पर मुस्कान बनी रहती है. बिट्टू बताते हैं कि वो उनके परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं जो इस दुकान को चला रहे हैं.
घर का मसाला बढ़ाता है स्वाद
बिट्टू बताते हैं कि उनकी चाय का असली राज उनके घर में तैयार किया गया खास मसाला है, जिसमें आयुर्वेदिक और सुगंधित तत्वों का ऐसा मिश्रण होता है, जो चाय को एक अलग ही स्वाद देता है. इसके साथ-साथ चूल्हे की मिट्टी की महक और बिट्टू की गर्मजोशी भरी मुस्कान इस अनुभव को और भी खास बना देती है. बिट्टू की दुकान अब केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं रही है. बल्कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मथुरा, अयोध्या, पिथौरागढ़, यहां तक कि विदेशों से भी पर्यटक सिर्फ एक कप चाय के लिए यहां खिंचे चले आते हैं.
चाय पीने वाले पर्यटक ने बताया
नैनीताल से रामनगर घूमने आई पर्यटक अनीता बताती हैं कि वो दूसरी बार इस चाय की दुकान में पहुंची हैं, उन्हें यहां की चाय का स्वाद काफी पसंद है. अयोध्या से रामनगर घूमने पहुंचे पर्यटक अनिल कुमार दुबे बताते हैं कि वो जब भी रामनगर की तरफ आते हैं तो बिट्टू की चाय जरूर पीते हैं, उनकी चाय का स्वाद उन्हें यहां बार-बार खींच लाता है. उन्होंने कहा कि यहां की चाय सबसे अलग है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह दुकान अब स्थानीय लोगों के साथ ही कॉर्बेट घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण जगह बन चुकी है.
सोशल मीडिया में भी हैं वायरल
सोशल मीडिया पर बिट्टू की चाय के वीडियो और रील्स वायरल हो रहे हैं. लोग उनके साथ सेल्फी लेते हैं और उनकी चाय को एक ‘ब्रांड’ की तरह मानते हैं. बिना किसी प्रचार या बड़े नाम के, बिट्टू ने दिल से चाय बनाकर लाखों दिलों में जगह बनाई है. बिट्टू कहते हैं, ‘मैं तो बस चाय बनाता हूं, लेकिन लोगों का प्यार ही मेरी असली पूंजी है’. उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर काम में सच्चाई और दिल हो, तो कोई भी छोटा सपना बड़ा बन सकता है.