
राहुल गांधी ने ब्राउन विश्वविद्यालय में एक संवाद सत्र के दौरान कहा, “हमारे सभी पौराणिक चरित्र भगवान राम ऐसे ही थे. वो क्षमाशील थे, वो दयालु थे.” उन्होंने कहा, “मैं भाजपा की बातों को हिंदू विचार नहीं मानता.” राहुल गांधी ने हिंदू धर्म के बारे में अपनी परिभाषा दी जिसमें उन्होंने इसे “बहुलवादी, अपनत्व वाला, स्नेही, सहिष्णु और खुला” बताया. उनका यह बयान तुरंत ही विवाद का कारण बन गया, क्योंकि उन्होंने भगवान राम को एक “पौराणिक व्यक्ति” कहा. इसे बीजेपी नेताओं ने हिंदू आस्थाओं का अपमान मानते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी.
बीजेपी का तीखा पलटवार
बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “भगवान राम कोई पौराणिक व्यक्ति नहीं हैं. वह भारतीय संस्कृति, मूल्यों और आध्यात्मिक सार का प्रतीक हैं. भगवान राम ने हमारे समाज को मर्यादा, बलिदान और धार्मिक नेतृत्व की दिशा दी है. वह भारत की आत्मा हैं.”
मालवीय ने कहा, “राहुल गांधी और कांग्रेस को दुनिया भर के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का मजाक उड़ाना बंद करना चाहिए. उनके जैसे लोग और राजनीतिक दल आएंगे और जाएंगे. लेकिन भगवान राम हमेशा धर्म के शाश्वत प्रतीक और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे.”
राहुल का राम विरोधी बयान- शहजाद पूनावाला
BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी राहुल गांधी के बयान को आलोचना करते हुए कहा, “हिंदू आस्था का अपमान करना कांग्रेस पार्टी की पहचान बन गई है. उन्होंने हलफनामे के जरिए भगवान राम के अस्तित्व को खारिज किया और राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया.” पूनावाला ने राहुल गांधी के बयान को “राम विरोधी” बताते हुए कहा कि यह कांग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता को उजागर करता है.
राहुल गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों पर क्या कहा?
राहुल गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों पर भी अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की. उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने अतीत में कई गलतियां की हैं, जिनमें से कई तब हुईं जब मैं पार्टी में नहीं था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अपने इतिहास में जो कुछ भी गलत किया है, उसकी जिम्मेदारी मैं सहर्ष स्वीकार करता हूं.”
राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह बार-बार कह चुके हैं कि 1980 के दशक में जो हुआ वह “गलत” था. उन्होंने कहा, “मैंने कई बार स्वर्ण मंदिर गया हूं. भारत में सिख समुदाय के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं और उनके साथ प्रेमपूर्ण संबंध हैं.”
BJP ने राहुल को घेरा
इस बयान पर बीजेपी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. अमित मालवीय ने कहा, “राहुल गांधी का यह बयान उनकी पार्टी के इतिहास से मुंह मोड़ने की कोशिश है. सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस की भूमिका को झुठलाया नहीं जा सकता.”
वही कांग्रेस ने राहुल गांधी के बयान पर सफाई दी है और दावा किया कि उनका मकसद किसी समुदाय की भावनाओं को आहत करना नहीं था. कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा, “राहुल गांधी का बयान गलत तरीके से पेश किया गया है. उनका उद्देश्य कभी भी किसी समुदाय का अपमान करना नहीं था. वह हमेशा से धर्मनिरपेक्षता और भारतीय संस्कृति का सम्मान करते रहे हैं.”
हालांकि बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के स्पष्टीकरण को नकारते हुए इसे चुनावी रणनीति का हिस्सा बताया. BJP प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “कांग्रेस स्पष्ट रूप से हिंदू विरोधी है और उसे राम के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के बजाय हिंदू आस्थाओं का मजाक उड़ा रही है.”