
Bilawal Bhutto on Indus Water Treaty: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने सिंधु जल समझौते पर पूर्व में दिए अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि रैली में उन्होंने केवल पाकिस्तान की आम जनता की भावनाओं को दोहराया था. उन्होंने कहा था, “सिंधु नदी में या तो हमारा पानी बहेगा, या उनका खून बहेगा.” इस बयान पर भारत की ओर से तीखी प्रतिक्रिया दी गई थी.
बिलावल भुट्टो ने किया ये बड़ा दावा
बिलावल भुट्टो ने आगे कहा, “इतना ही नहीं, मेरे विदेश मंत्री बनने से पहले, पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में था. जब में विदेश मंत्री बना था तब पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकल गया, जिसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी स्वीकार करता है कि आज की तारीख में पाकिस्तान का ऐसा किसी भी समूह से कोई संबंध नहीं है.”
सिंधु जल समझौते पर दिए अपने बयान पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, “मैं सीमा पर हाथ में बंदूक लिए नहीं खड़ा हूं. मैं सरकार में कोई पद भी नहीं संभाल रहा हूं. भारत ने जब इस संधि का उल्लंघन किया, उसके दूसरे दिन मैं सिंधु नदी के किनारे एक राजनीतिक रैली को संबोधित कर रहा था.”
अपने बयान से मुकरे बिलावल भुट्टो
उन्होंने आगे कहा, “सत्ता में जो सरकार है उसने कहा कि सिंधु जल संधि से अलग होने को लागू करने का कोई भी फैसला जंग का ऐलान माना जाएगा. मुझे यकीन है कि आपको पता ही होगा कि जब जंग होती है तो खून बहता है. हमारे पास कोई नदी नहीं है जिसे भारत के जवाब में बंद किया जाए. अगर पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ भारत पानी को हथियार बनाता है तो इसका मतलब जंग की कार्रवाई होगी.”
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, जल शक्ति मंत्री और अन्य कई नेताओं ने बिलावल के बयान की कड़ी आलोचना की थी. केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि “हम ऐसी धमकियों से डरते नहीं हैं.” वहीं, हरदीप सिंह पुरी ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “उन्हें पहले अपना मेंटल टेस्ट करवा लेना चाहिए. ऐसे बयान शोभा नहीं देते.”
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