
Asaduddin Owaisi on Pahalgam Attack:असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्वी चंपारण के ढाका में जनसभा को संबोधित करते हुए पहलगाम हमले पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और पाकिस्तान से व्यापारिक संबंध तोड़ने का समर्थन किया. ओवैसी ने…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार से की पहलगाम हमले पर बड़ी कार्रवाई की मांग.
- ओवैसी ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग की.
- एआईएमआईएम प्रमुख ने पाकिस्तान से व्यापारिक संबंध तोड़ने का समर्थन किया.
मोतिहारी/अवनीश कुमार सिंह. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की नजर सीमांचल के साथ-साथ चंपारण पर भी है.अपनी रणनीति के तहत एनडीए के गढ़ माने जाने वाले चंपारण के मुस्लिम बहुल विधानसभा ढाका में जनसभा को संबोधित किया.ओवैसी ने यहां पहलगाम हमने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग की.
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान बार-बार भारत पर हमला करता है. इसलिए वक्त आ गया है कि कड़े फैसले लिये जाएं और हम केंद्र सरकार के फैसले के साथ हैं. उन्होंने पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग उठाई है. ओवैसी ने कहा कि सभी लोग जिनकी हत्या हुई है उनको शहीद का दर्जा दिया जाए. ओवैसी ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध को भी खत्म करने के फैसले का समर्थन किया है और कहा कि पाकिस्तान से आर्थिक रिश्ता भी तोड़ा गया है यह ठीक है. ओवैसी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद के खिलाफ और बड़े फैसले लेंगे .
वक्फ कानून पर मोदी सरकार के खिलाफ खड़े ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने वफ्फ संशोधन कानून को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि केंद्र की सरकार ने इस कानून को जबरन थोपने का काम किया है यह कहीं से भी ठीक नहीं है. हमने सदन से लेकर सड़क तक इसका विरोध किया है पर आगे भी हम विरोध करते रहेंगे. बता दें कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल से आगे बढ़कर मिथिलांचल और चंपारण जैसे एनडीए के मजबूत गढ़ में भी अपनी पैठ बनाना चाह रहे हैं.
चंपारण की धरती पर एआईएमआईएम का सियासी शंखनाद
AIMIM की राजनीतिक गतिविधियों ने पहली बार सीमांचल से निकलकर मिथिलांचल के दरभंगा और चंपारण के मुस्लिम बहुल पूर्वी चंपारण और गोपालगंज के क्षेत्रों की ओर रुख किया है.इन क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है, जिस पर पार्टी की खास नजर है. बता दें कि सीमांचल जहां महागठबंधन का मजबूत गढ़ माना जाता है तो मिथिलांचल और चंपारण एनडीए के प्रभाव वाला क्षेत्र है.ऐसे में ओवैसी की यह पहल आगामी चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है.