
Gold Medal: हेड कांस्टेबल गायत्री देवी का जज्बा सभी को प्रेरणा देने वाला है. उन्हें रोज करीब 14 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है. इसके बाद वे रोज रात को 10 से 12 बजे तक योग का अभ्यास करती हैं. उन्होंने पिछले दिनों नई …और पढ़ें

हाइलाइट्स
- हेड कांस्टेबल गायत्री देवी ने एशियाई योगासन में जीता स्वर्ण पदक
- 14 घंटे ड्यूटी के बाद भी करती हैं योग का अभ्यास
- गायत्री देवी की कहानी है प्रेरणादायक
सीकर. कहते हैं अगर इंसान में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो वह क्या कुछ नहीं कर सकता कुछ ऐसा ही सीकर की हैड कांस्टेबल गायत्री देवी ने कर दिखाया है. इन्होंने नई दिल्ली में हुई एशियाई योगासन स्पोर्ट चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण व रजत पदक जीता है इनकी कहानी किसी आम खिलाड़ी की तरह नहीं है. पुलिस की नौकरी के बाद भी इन्होंने अपने जज्बे और मेहनत से कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं.
14 घंटे ड्यूटी के बाद भी की प्रैक्टिस
हेड कांस्टेबल गायत्री देवी का जज्बा सभी को प्रेरणा देने वाला है. उन्हें रोज करीब 14 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है. इसके बाद वे रोज रात को 10 से 12 बजे तक योग का अभ्यास करती हैं. उन्होंने पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई एशियाई योगासन स्पोर्ट चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण व रजत पदक जीता. 45 वर्षीया गायत्री सीकर जिले के मांडोता गांव की हैं और अभी उनकी पोस्टिंग जयपुर में आरएसी बटालियन में है. आपको बता दें कि इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित चैंपियनशिप में 10 से ज्यादा देशों की टीमों ने भाग लिया था. मेजबानी गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर संस्था योगासन भारत ने की थी.
2003 में पुलिस सेवा से जुड़ी
गायत्री ने बताया कि वे उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई गांव मांडोता में ही की है. इसके बाद उन्होंने 11वीं व 12वीं की पढ़ाई सीकर के मारू स्कूल से और बीए व हिंदी में एमए की डिग्री कृष्णा कॉलेज से ली. वे वर्ष 1999-2000 में छात्रसंघ चुनाव जीतकर अध्यक्ष भी रहीं. उन्होंने वर्ष 2003 में राजस्थान पुलिस जॉइन की, उनका ससुराल सीकर के पास बिडोली गांव में है. गायत्री की पति सुभाष गिठाला सीकर शहर में व्यापारी हैं. बेटा जयवीर 9वीं और बेटी जयश्री 10वीं कक्षा में हैं और दोनों जयपुर में मां के साथ रहते हैं.