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जिस वक्त इजराइल पर हमला हुआ, एअर इंडिया की फ्लाइट जॉर्डन के हवाई स्पेस में थी।
इजराइल के सबसे व्यस्त हवाई अड्डे, बेन गुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रविवार सुबह यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया। इस हमले की वजह से दिल्ली से तेल अवीव जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI139 को अबू धाबी डायवर्ट करना पड़ा।
हमले के वक्त विमान की लैंडिंग में महज एक घंटा बाकी था। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24 के मुताबिक, विमान उस समय जॉर्डन के हवाई क्षेत्र में था। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्लेन में करीब 300 लोग सवार थे।
एयर इंडिया ने पुष्टि की है कि फ्लाइट ने अबू धाबी में सुरक्षित लैंडिंग की है और उसे जल्द ही दिल्ली लौटाया जाएगा। एअर इंडिया ने कहा है कि जिन यात्रियों ने 3 से 6 मई 2025 के बीच की उड़ानों के लिए टिकट बुक किए हैं, उन्हें अपना टिकट एक बार बदलने की सुविधा या पूरा पैसा वापस पाने का विकल्प दिया जाएगा।

हमले के बाद एयरपोर्ट पर उड़ानें लगभग 30 मिनट तक रुकी रहीं, लेकिन बाद में सामान्य स्थिति बहाल हो गई।
मिसाइल हमले में 8 घायल, 1 गंभीर
मिसाइल ने एयरपोर्ट के परिसर में एक सड़क और एक वाहन को नुकसान पहुंचाया। इजराइली सेना ने माना है कि उनका डिफेंस सिस्टम इस मिसाइल को रोकने में नाकाम रहा। इसकी जांच की जा रही है। इस हमले में 8 लोग घायल हो गए हैं।
हूती विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि यह हमला गाजा पर इजराइल के सैन्य अभियानों और मार्च 2022 से जारी नाकाबंदी के विरोध में किया गया है।
हूती प्रवक्ता याह्या सारी ने कहा कि हमले में ‘फिलिस्तीन-2 हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल’ का इस्तेमाल हुआ। इसने इजराइल की एयर डिफेंस सिस्टम को भेद दिया। हालांकि, इजराइली सेना ने हाइपरसोनिक मिसाइल के दावे को खारिज किया है।
इजराइली PM ने इमरजेंसी बैठक बुलाई
इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज़ ने हमले का जवाब देने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “जो हमें नुकसान पहुंचाएगा, हम उसे 7 गुना जवाब देंगे।” काट्ज ने कहा कि हूती के साथ वही अंजाम होगा जो हमास और हिजबुल्लाह के साथ हमने किया है।
मिसाइल हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खास बैठक भी बुलाई है। इस मीटिंग में नेतन्याहू इजरायली डिफेंस फोर्स के अधिकारियों से इस बात को लेकर चर्चा करेंगे की हूती विद्रोहियों के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाए।

इजराइल हूती लड़ाकों के हमले के बाद भी यमन पर जवाबी हमले करने से परहेज करता रहा है।
कौन हैं हूती विद्रोही
- साल 2014 में यमन में शिया-सुन्नी विवाद को लेकर गृह युद्ध शुरू हुआ। शिया विद्रोहियों ने सुन्नी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसका नेतृत्व राष्ट्रपति अब्दरब्बू मंसूर हादी कर रहे थे।
- हादी ने अरब क्रांति के बाद लंबे समय से सत्ता पर काबिज पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह से फरवरी 2012 में सत्ता छीनी थी। हादी देश में बदलाव के बीच स्थिरता लाने के लिए जूझ रहे थे। उसी समय सेना दो फाड़ हो गई और अलगाववादी हूती दक्षिण में लामबंद हो गए।
- अरब देशों में दबदबा बनाने की होड़ में ईरान और सऊदी अरब भी इस गृह युद्ध में कूद पड़े। एक तरफ हूती विद्रोहियों को शिया बहुल देश ईरान का समर्थन मिला। तो सरकार को सुन्नी बहुल देश सऊदी अरब का।
- देखते ही देखते हूती के नाम से मशहूर विद्रोहियों ने देश के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। 2015 में हालात ये हो गए थे कि विद्रोहियों ने पूरी सरकार को निर्वासन में जाने पर मजबूर कर दिया था।
- ईरान से मिल रहे समर्थन की बदौलत हूती विद्रोही एक ट्रेंड लड़ाका दल में बदल चुके हैं। हूती विद्रोहियों के पास आधुनिक हथियार और यहां तक कि अपने हेलिकॉप्टर भी हैं।