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मुंबई में पहली बार वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट 2025 का आयोजन हुआ है। भारत की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को ग्लोबल स्तर पर बढ़ावा देने के उद्देश्य से चार दिवसीय आयोजन किया गया है। WAVES 2025 का दूसरे दिन एक्टर आमिर खान पैनल डिस्कशन में शामिल हुए। यहां पर उन्होंने ‘स्टूडियोज ऑफ द फ्यूचर: पुटिंग इंडिया ऑन वर्ल्ड मैप’ सेशन में सिनेमाघरों का मुद्दा उठाया।

आबादी की सिर्फ 2% हिस्सा ही थियेटर जाता है
सेशन के दौरान आमिर ने कहा कि मैं हमेशा से मानता हूं कि देश की आबादी के मुकाबले हमारे यहां कम थियेटर हैं। पिछले कई सालों से सबसे बड़ी समस्या ये है कि हमारे देश में सिनेमाघरों की संख्या बहुत कम है। हमारी आबादी का केवल 2% हिस्सा ही सिनेमाघरों में फिल्में देखता है। मुझे लगता है कि हम इस पर पैसा लगाना चाहिए। अगर सिनेमाघर नहीं होंगे तो लोग फिल्म नहीं देख पाएंगे। बस उसके बारे में सुनते रहेंगे।
अपनी बात को आगे रखते हुए आमिर कहते हैं- ‘भारत में लगभग 10 हजार स्क्रीन हैं, जिसमें से 47 फीसदी दक्षिण भारत में है। इस वजह से एक हिंदी फिल्म के लिए आपके पास ज्यादा से ज्यादा 5 हजार स्क्रीन ही हैं। वहीं, अमेरिका में 40 हजार, चीन में 90 हजार स्क्रीन हैं। अमेरिका की आबादी हमसे कम है।’

ओटीटी प्लेटफॉर्म फिल्मों पर डाल रहे हैं असर
अपने डिस्कशन में आमिर ने ओटीटी बनाम थियेटर बहस पर भी बात की। उन्होंने इस बिजनेस मॉडल को हास्यास्पद और त्रटिपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म की वजह से फिल्मों की कमाई पर असर पड़ा रहा है। अभी के समय में फिल्में रिलीज होने के 45 दिन बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आ जाती हैं। इस वजह से लोग सिनेमाघर जाने से बचते हैं। थियेटर और ओटीटी रिलीज के बीच का समय बहुत कम है, जिसका नतीजा है कि नुकसान हो रहा है। जब हम कहते हैं कि फिल्में नहीं चल रही हैं, उस वक्त हमें ओटीटी प्लेटफॉर्म को भी ध्यान में रखना चाहिए।
पहली बार किसी सरकार ने इंडस्ट्री के बारे में सोचा है
आमिर ने WAVES 2025 के जरिए क्रिएटिव इंड्रस्ट्री पर बातचीत शुरू करने के लिए एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तारीफ की। एक्टर ने कहा, ‘मैं लगभग 35 सालों से इस फील्ड में हूं। इतने सालों में मैंने ऐसी कोई सरकार नहीं देखी, जिसने इस बारे में कभी सोचा हो। यह पहली बार है कि किसी सरकार ने मीडिया और मनोरंजन उद्योग को सशक्त बनाने और हमें विश्व में अग्रणी बनाने के लिए कुछ करने के लिए अपने दिमाग और भावनाओं का इस्तेमाल किया है।’