
MK Stalin On Jagdeep Dhankhar: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार (03 मई) को कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की यह टिप्पणी कि ‘‘संसद सर्वोच्च’’ है, विधानसभाओं के लिए भी लागू होती है. उन्होंने सवाल किया कि क्या राज्यपाल विधिवत निर्वाचित सरकारों की भूमिका निभा सकते हैं.
तमिलनाडु सरकार बनाम राज्यपाल आरएन रवि मामले में 10 विधेयकों को रोकने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के 8 अप्रैल के फैसले के आलोक में उपराष्ट्रपति की हालिया टिप्पणियों का जिक्र करते हुए स्टालिन ने कहा कि जहां तक राज्यों का संबंध है, विधानसभाएं सर्वोच्च हैं, न कि राज्यपाल, जो अस्थायी रूप से इस पद पर आसीन होने वाले महज ‘‘रबर स्टांप’’ हैं.
‘अगर प्रधानमंत्री की पावर ले ली जाए तो…’
स्टालिन ने एक समारोह में कहा, ‘‘उपराष्ट्रपति ने कहा है कि संसद सर्वोच्च है. हम भी यही कहते हैं. क्या राज्यपाल विधानसभा से अधिक सर्वोच्च हैं? मैं पूछना चाहता हूं कि अगर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की शक्तियां अपने हाथ में ले लें, तो क्या वह (प्रधानमंत्री) चुप रहेंगे?’’ स्टालिन ने पूछा, ‘‘छात्रों को इस बात पर विचार करना चाहिए कि अगर केंद्र के प्रतिनिधि, अस्थायी पद पर बैठे राज्यपाल, विधेयकों को रोक सकते हैं तो विधिवत निर्वाचित सरकार का क्या महत्व है? आखिर चुनाव कराने की क्या जरूरत है.’’
‘राज्यपाल के साथ व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कैसे उचित है कि राज्यपाल राज्य की ओर से संचालित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नामित कर सकते हैं? इसलिए मैं अदालत गया था. जजों ने स्पष्ट निर्णय दिया और कुछ वर्षों से लंबित मामले का निपटारा किया. उन्होंने राज्यपालों के लिए विधेयकों पर कार्रवाई करने के वास्ते समय सीमा तय की है.’’ स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल के साथ उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है और उनके साथ वैचारिक मतभेदों के बावजूद, वह सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं.
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