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सिंगापुर में आज संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग होगी। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला 1965 से सत्ता पर काबिज पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) और प्रमुख विपक्षी दल वर्कर्स पार्टी (WP) के बीच है। इन दोनों के अलावा कई अन्य छोटे दल भी चुनावी मैदान में हैं। इस चुनाव का रिजल्ट 4 मई को आ सकता है।
सिंगापुर के 33 निर्वाचन क्षेत्रों की 97 संसदीय सीटों के लिए वोटिंग की जाएगी। इनमें सिंगल मेंबर कॉन्स्टिट्यूएंसी (SMC) और ग्रुप रिप्रेजेंटेशन कॉन्स्टिट्यूएंसी (GRC) शामिल हैं। GRC में 4-5 उम्मीदवारों की टीम चुनाव लड़ती है, जिसमें कम से कम एक अल्पसंख्यक समुदाय (मलय, भारतीय, या अन्य) का उम्मीदवार होना जरूरी है।

पीएम पद के प्रमुख दावेदार
लॉरेंस वॉन्ग: 15 मई 2024 को ली सीन लूंग की जगह लॉरेंस वॉन्ग ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री संभाला था। वो PAP के महासचिव भी हैं। इससे पहले वो वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री के जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। कोविड-19 के वक्त लिए गए फैसलों और आर्थिक नीतियों की वजह से उन्हें काफी लोकप्रियता मिली थी।
हेंग स्वी कीट: सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री हैं। वे PAP के सीनियर लीडर हैं। हेंग को पहले मजबूत दावेदार माना जाता था, लेकिन 2021 में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को अलग कर लिया था। अगर किसी वजह से लॉरेंस वॉन्ग पीछे हटते हैं तो हेंग स्वी कीट प्रमुख उम्मीदवार बन सकते हैं।
प्रीतम सिंह: वर्कर्स पार्टी के प्रमुख प्रीतम सिंह भी सिंगापुर की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा हैं, लेकिन उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना न के बराबर है, क्योंकि उनकी पार्टी सिर्फ 26 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है। भारतीय मूल के प्रीतम सिंह की लीडरशिप में वर्कर्स पार्टी ने पिछले चुनाव में मजबूत प्रदर्शन करते हुए 10 सीटें जीती थी।
इस साल फरवरी ने उनका नाम तब विवादों में घिर गया था जब सिंगापुर की एक अदालत ने उन्हें संसद में शपथ लेकर झूठ बोलने के दो मामलों में दोषी करार दिया था। इसके लिए उन पर 5,220 डॉलर के दो जुर्माने भी लगाए गए थे।
सिर्फ PAP ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही
चुनाव में 11 पार्टियां हिस्सा ले रही हैं, लेकिन सिर्फ PAP ही सभी 97 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जबकि वर्कर्स पार्टी सिर्फ 26 सीटों के लिए चुनाव लड़ रही है। सिर्फ छह पार्टियां ही 10 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।
2020 के आम चुनाव में कुल 93 सीटों के लिए वोटिंग की गई थी, जिसमें PAP ने 83 सीटें जीती थीं, उसे 61.24% वोट मिले थे। जबकि वर्कर्स पार्टी ने 10 सीटें जीती थीं।
इस बार के चुनाव में आर्थिक विकास, रोजगार, बढ़ती महंगाई, हेल्थ, एजुकेशन और अल्पसंख्यक समुदाय की सरकार में हिस्सेदारी एक प्रमुख मुद्दा है।

सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री हेंग स्वी कीट PAP के सीनियर लीडर हैं।
सिंगापुर में मतदान करना एक सिविल ड्यूटी
सिंगापुर में 21 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों के लिए वोटिंग अनिवार्य है। 2020 के चुनाव में कुल 95.81% मतदान हुआ था। इस बार भी उम्मीद है कि वोटिंग परसेंट काफी हाई होगा, क्योंकि सिंगापुर में मतदान को सिविल ड्यूटी माना जाता है।
सिंगापुर में फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट सिस्टम का इस्तेमाल होता है, जिसमें सबसे ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवार की जीत होती है।
भारतीय समुदाय को लुभाने की कोशिश PM वॉन्ग ने भारतीय समुदाय को रिझाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कुछ वक्त पहले कहा था कि भारतीय समुदाय की कहानी सिंगापुर की कहानी का हिस्सा है। दूसरी तरफ विपक्ष दल WP का फोकस युवा मतदाताओं और शहरी मध्यम वर्ग को लुभाने पर है।
प्रधानमंत्री लॉरेंस वॉन्ग ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उनकी PAP पार्टी इस चुनाव में भारतीय मूल के उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी। यह कदम भारतीय समुदाय के योगदान को मान्यता देने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
2020 के चुनाव में PAP ने भारतीय मूल के किसी नए उम्मीदवार को नहीं उतारा था, जिसके बाद इसे लेकर कई सवाल उठे थे। सिंगापुर की आबादी में भारतीय मूल के लोग संख्या 7.5% हैं, जबकि चीनी मूल के 75% और मलय मूल के 15% लोग हैं।