
Farrukhabad: यूं तो शहर में चाय की कई दुकानें हैं लेकिन इस शॉप पर मिलने वाली तंदूरी चाय का हर कोई दीवाना है. 25 रुपये कीमत की इस चाय के लिए दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती है.

मिट्टी के कुल्हड़ ने पकी तंदूरी चाय
- फर्रुखाबाद में तंदूरी चाय की धूम है.
- 25 रुपये में मिलती है तंदूरी चाय.
- मिशन कंपाउंड के पास है मशहूर दुकान.
फर्रुखाबाद: इंडियन फैमिलीज में चाय इतना अहम स्थान रखती है कि कोई इसकी जगह नहीं ले सकता. यहां लोगों की सुबह चाय से होती है शाम भी चाय के साथ ही बीतती है. इसी वजह से हर शहर में चाय की न जानें कितनी दुकानें होती हैं. इसी क्रम में फर्रुखाबाद में भी कई दुकानें हैं, जहां तरह-तरह की चाय मिलती है पर सबसे फेमस है तंदूरी चाय. लोग इसके स्वाद को खासतौर पर पसंद कर रहे हैं.
दिन भर आते हैं लोग
जिस चाय की बात हम कर रहे हैं, उसे पीने दिनभर में सैकड़ों लोग आते हैं. इस दुकान पर सुबह से लेकर शाम तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. ये अपनी चाय में खास तरह के मसालों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे इसका स्वाद बहुत ही निराला हो जाता है. लोकल18 से बात करते हुए दुकानदार विनीत ने बताया कि फर्रुखाबाद के मिशन कंपाउंड के पास तंदूरी चाय के नाम से मशहूर इस दुकान की चाय पूरे जिले में फेमस है.
कितनी है कीमत
उनकी चाय 25 रुपये प्रति कुल्हड़ के हिसाब से बिकती है. इस चाय में वे कई तरह के मसाले जैसे इलायची, लौंग और दालचीनी डालते हैं, जिससे इसका स्वाद और भी मजेदार हो जाता है. हर दिन लगभग 150 से 200 कुल्हड़ चाय की बिक्री हो जाती है. इस हिसाब से उन्हें रोज़ाना 3 से 4 हजार रुपये की बचत हो जाती है और महीने में 50 से 60 हजार रुपये तक का मुनाफा हो जाता है.
तंदूरी चाय की क्या है रेसिपी?
तंदूरी चाय बनाने के लिए सबसे पहले मिट्टी के बर्तन (कुल्हड़) को तंदूर की तेज़ गर्मी में अच्छे से गरम किया जाता है. जब यह कुल्हड़ लाल रंग का हो जाता है तो समझ लीजिए कि यह पूरी तरह गर्म हो चुका है. दूसरी ओर दूध में सही मात्रा में मसालों को मिलाकर चाय पकाई जाती है. इसमें अदरक, काली मिर्च और दूसरी चीजों का भी मिश्रण डाला जाता है. जब चाय अच्छे से पक जाती है तो उसे छान लिया जाता है.
अब आती है कुल्हड़ की बारी
इसके बाद एक बर्तन में गरम कुल्हड़ को रखकर उसमें धीरे-धीरे चाय डाली जाती है. जब कुल्हड़ में चाय अच्छे से पक जाती है तो उसका स्वाद और बढ़ जाता है. मिट्टी की खुशबू और मसालों का ज़ायका मिलकर इसे खास बना देता है. इस तरह धधकते अंगारों के बीच तंदूर से तैयार होती है एक ज़बरदस्त चाय, जिसके स्वाद के लोग दीवाने हैं.