
Launch Pads In PoK: पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में पाकिस्तानी सेना और ISI की सरपरस्ती में कई आतंकी लॉन्च पैड चलाए जा रहे हैं. ये लॉन्च पैड पाकिस्तानी सेना की चौकियों के बिल्कुल पास बने हुए हैं, जिससे आतंकियों को सेना की सुरक्षा मिलती है.
इन लॉन्च पैड्स से आतंकी भारत में घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं. पाकिस्तान अक्सर युद्धविराम का उल्लंघन करके या फायरिंग की आड़ में आतंकियों को LOC पार कराने में मदद करता है. बालाकोट, मीरपुर, मंगला, जलालाबाद, एबटाबाद इत्यादि में आतंकी ट्रेनिंग लेने के बाद आतंकी इन लॉन्च पैड्स पर आकर घुसपैठ का इंतजार करते हैं.
पीर पंजाल रेंज के उत्तर में यानी कश्मीर घाटी से सटी एलओसी पर:
1. दुधनियाल
2. अब्दुल बिन मसूद
3. चेलाबंदी
4. माच फैक्ट्री
5. गढ़ी दुपता
6. बाश
7. अलियाबाद
8. फॉरवर्ड कहुटा
साउथ ऑफ पीर पंजाल यानी जम्मू-पुंछ राजौरी से सटी एलओसी पर:
1. रावलकोट
2. दुंगी
3. तातापानी
4. हजीरा (एलओसी पर)
5. कोटली
6. सेंसा
7. पलनी
8. निकियाल
9. पलक-मीरपुर
10. तागोश
11. कुंड
12. कोट कोटेरा
13. कुहरीटा
पीर पंजाल रेंज के उत्तर में 10 टेरर लॉन्च पैड्स
जानकारी के मुताबिक, पीओके में पीर पंजाल रेंज के उत्तर में 10 टेरर लॉन्च पैड्स हैं, जबकि दक्षिण में 32 हैं. जम्मू कश्मीर को कश्मीर घाटी और जम्मू डिवीजन में ये पीर पंजाल रेंज ही बांटती हैं. पीर पंजाल के उत्तर में है उरी, बारामूला, केरन और कुपवाड़ा सेक्टर जबकि दक्षिण में है पुंछ-राजौरी, हमीरपुर, नौशेरा और अखनूर सेक्टर.
इन लॉन्च पैंड्स पर एक समय में 110-130 आतंकी मौजूद रहते हैं. नॉर्थ पीर पंजाल में 30-35 आतंकी रहते हैं. साउथ पीर पंजाल रेंज में करीब 100 आतंकी रहते हैं.
इन लॉन्च पैड्स पर हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक
साल 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भारतीय सेना के पैरा-एसएफ कमांडो ने इनमें से कई लॉन्च पैड पर मौजूद आतंकियों को ढेर किया था लेकिन धीरे-धीरे कर फिर से आतंकी इन लॉन्च पैड पर इकट्ठा होना शुरु हो गए. जिन लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी, उनमें दुधनियाल, चेलाबंदी, तातापानी, कोटली और निकयाल शामिल थे.
पाकिस्तान से ऑपरेट होते हैं तीन बड़े आतंकी संगठन ऑपरेट
लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर है पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में. जैश ए मोहम्मद का हेडक्वार्टर है पंजाब के बहावलपुर में. हाल ही में इसी बहावलपुर में हमास के आतंकियों का जैश के आतंकवादियों ने घुड़सवार की अगवानी के साथ स्वागत किया था. हिजबुल का हेडक्वार्टर मुजफ्फराबाद में माना जाता है.
मुरीदके के अलावा लश्कर के ट्रेनिंग कैंप मंशेरा, मीरपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद और रावलकोट में हैं. इसी तरह जैश के ट्रेनिंग कैंप हैं- मंशेरा, बालाकोट (खैबर पख्तूनख्वा), गढ़ी हबीबुल्ला और बत्रासी में.
इसके अलावा कुछ आतंकी कैंप ऐसे हैं जहां लश्कर, जैश और हिजबुल्लाह के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है. ऐसे टेरर कैंप हैं बंदी-जुरा, गोहड़ी पतिका, पीर चिनासी, चिनारी, चकोटी, बाघ, हैदर, मंगला और भिंबर.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई ने इन तीनों आतंकी संगठनों के बीच समन्वय के लिए पीओके की काली घाटी में एक कंट्रोल सेंटर भी बना रखा है. इस कंट्रोल सेंटर से पाकिस्तानी सेना से भी संपर्क बनाए रखने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
इसी तरह का एक कंट्रोल सेंटर गिलगित बाल्टिस्तान की हजीरा घाटी में भी आईएसआई ने बना रखा है. लेकिन पिछले कुछ सालों से यहां ज्यादा गतिविधियां सामने नहीं आई हैं. इसका एक बड़ा कारण चीन का सीपेक प्रोजेक्ट हो सकता है, जो इस इलाके से गुजरता है.
भारत की खुफिया एजेंसियों के पास हैं कोऑर्डिनेट्स
भारत की खुफिया एजेंसियों के पास इन आतंकी कैंप और टेरर लॉन्च पैड्स के कोऑर्डिनेट्स हैं ताकि प्रेशियसन मिसाइलों से इन किसी भी समय तबाह कर दिया जाए.
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