
फवाद खान, आतिफ असलम, राहत फतेह अली खान के इंस्टाग्राम अकाउंट्स भारत में ब्लॉक हुए तो सोशल मीडिया पर चर्चाएं तेजहोने लगी और म्यूजिक लवर परेशान होने लगे. बहुत से यूजर्स ने कहा कि अब उन्हें कोक स्टूडियो पाकिस्तान की चिंता सता रही है.
प्रोफाइल्स एक्सेस करने पर आता है ये मैसेज
जब भारतीय यूजर्स इन इंस्टाग्राम प्रोफाइल्स को एक्सेस करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें यह मैसेज मिलता है: ‘अकाउंट भारत में उपलब्ध नहीं है. हमने इस सामग्री को प्रतिबंधित करने के लिए कानूनी अनुरोध का पालन किया है.’
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का एक्शन
यह कदम पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के जवाब में उठाया गया है. इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें से 25 पर्यटक थे. यह हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक घटनाओं में से एक माना जा रहा है.
इन सितारों पर गिरी गाज
फवाद, आतिफ और राहत के अलावा, कई अन्य प्रमुख पाकिस्तानी कलाकारों के इंस्टाग्राम अकाउंट्स भी भारत में ब्लॉक कर दिए गए हैं. इनमें संम सईद, बिलाल अब्बास, इकरा अजीज, इमरान अब्बास और सजल अली शामिल हैं, जो भारतीय दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं और भारतीय ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर देखे जाने वाले टीवी ड्रामा और फिल्मों का हिस्सा रहे हैं.
ये यूट्यूब चैनल भी भारत में हुए ब्लॉक
यह प्रतिबंध केवल इंस्टाग्राम तक सीमित नहीं है. कुछ दिन पहले, भारतीय सरकार ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को भी ब्लॉक करने का आदेश दिया था, जिनमें डॉन न्यूज, जियो न्यूज, एआरवाई न्यूज और समा टीवी जैसे प्रतिष्ठित मीडिया आउटलेट्स शामिल हैं. यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर उठाया गया था, जिसमें ‘उत्तेजक, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री और भारत को निशाना बनाने वाली गलत जानकारी’ फैलाने का आरोप लगाया गया था.
फवाद खान और वाणी कपूर की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ बैन
यह डिजिटल प्रतिबंध बॉलीवुड तक भी पहुंच गया है. फवाद खान और वाणी कपूर की बहुप्रतीक्षित इंडो-पाक सहयोगी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ को भी रोक दिया गया है. पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक, यह फिल्म जो 9 मई को भारत में रिलीज होने वाली थी, अब रिलीज नहीं हो पाएगी. यह निर्णय पाकिस्तानी कलाकारों को भारतीय सिनेमा में शामिल करने के खिलाफ बढ़ती सार्वजनिक भावना के बीच आया है, जो हर बार भारत-पाक तनाव बढ़ने पर फिर से उभरता है.
कैसे भारत में गूंजेगी सिंगर्स की आवाज?
आतिफ असलम और राहत फतेह अली खान जैसे सिंगर्स, जिनकी आवाजें कई भारतीय चार्टबस्टर्स में गूंजती रही हैं, अब भारतीय परिदृश्य से डिजिटल रूप से मिटा दिए गए हैं. इस विकास ने कई प्रशंसकों को निराश किया है, लेकिन यह बड़े राजनीतिक माहौल के अनुरूप है.
भारत का कड़े रुख की तरफ इशारा
हालांकि, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन प्रतिबंधों और पाबंदियों की श्रृंखला पाकिस्तान से जुड़े मीडिया, सामग्री और कलाकारों पर तेजी से सख्त रुख की ओर इशारा करती है. उद्योग के अंदरूनी सूत्रों और विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे भू-राजनीतिक तनाव सांस्कृतिक बहिष्कार में बदलता है, ऐसे कदम और आम हो सकते हैं.