
Stock Market Today: भारत-पाकिस्तान तनाव और वैश्विक हलचल से बेपरवाह भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी 2 मई 2025 शुक्रवार को तेजी के साथ खुला. सेंसेक्स सुबह करीब साढ़े नौ बजे 437.74 अंक यानी 0.55 प्रतिशत ऊपर चढ़कर 80,679.58 के स्तर पर कारोबार कर रहा था. जबकि निफ्टी में भी उछाल देखा गया और ये 93.35 प्वाइंट्स यानी 0.38 प्रतिशत ऊपर चढ़कर 24,427.55 पर पहुंच गया. लेकिन सुबह 10 बजे S&P पर बीएसई सेंसेक्स 81,109.72 पर आ गया तो वहीं एनएसई निफ्टी 50 में 247.90 अंक की बढ़त के बाद 24,582.10 के स्तर पर आ गया.
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनोमिक जोन के स्टॉक में 4.70 प्रतिशत, मारुति सुजुकी के शेयर में 2.32 प्रतिशत की बढ़त दिखी. इसके अलावा, IndusInd बैंक के स्टॉक में 1.97 प्रतिशत और एक्सिस बैंक के शेयर में 1.53 फीसदी की उछाल देखने को मिला.
अमेरिकी टैरिफ और भारत-पाक तनाव के बीच BSE सेंसेक्स में पिछले महीने यानी अप्रैल में करीब 4% की तेजी देखने को मिली. घरेलू बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की वापसी, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून में सामान्य से अधिक बारिश के अनुमान और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर संभावित उम्मीद ने इस सकारात्मक धारणा को बल दिया है. पिछले कुछ महीनों में बाजार में आई गिरावट के बाद शेयरों के मूल्यांकन में आई नरमी ने भी खरीदारी को नए सिरे से बढ़ावा दिया. BSE का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स पिछले महीने कुल 2,827.32 अंक यानी 3.65% बढ़ा, जबकि BSE का सूचकांक निफ्टी 814.85 अंक यानी 3.46% चढ़ा.
पिछले महीने बाजार का मजबूत प्रदर्शन
इस तेजी के बीच अप्रैल महीने में निवेशकों की संपत्ति 10.37 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 4,23,24,763.25 करोड़ रुपये (4.98 लाख करोड़ डॉलर) हो गई. ये लगातार दूसरा महीना है जब सेंसेक्स एवं निफ्टी बढ़त के साथ बंद हुए हैं. मार्च के महीने में भी सेंसेक्स में 4,216.82 अंक यानी 5.76% और निफ्टी में 1,394.65 अंक यानी 6.30% की तेजी देखने को मिली थी.
एक विशेषज्ञ ने कहा कि अमेरिकी सीमा शुल्क से जुड़े जोखिम में कमी आने, संभावित अमेरिका-भारत व्यापार समझौते और मजबूत एफआईआई प्रवाह के कारण पिछले महीने बाजारों ने अच्छा प्रदर्शन किया. मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया का कहना है- ‘वैश्विक चिंताओं और पाकिस्तान के साथ तनाव के बावजूद अप्रैल में भारतीय शेयर बाजार की मजबूती और तेज उछाल के लिए कई कारक मददगार रहे. पिछले कुछ महीनों में बाजार में गिरावट आने से मूल्यांकन कम हुआ जिससे खरीदारी गतिविधि फिर से शुरू हो गई.’
इसके अलावा, अमेरिका के सीमा शुल्क पर अस्थायी रोक लगाने और देशों के साथ संभावित व्यापार बातचीत शुरू होने से भी तेजी को बढ़ावा मिला. मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया का कहना, ‘विदेशी निवेशकों के लंबे समय तक बिकवाली करने के बाद यह देखा जा रहा है कि FII अप्रैल में भारतीय इक्विटी के शुद्ध खरीदार बन गए.’
रेपो रेट में कटौती से बाजार को मिला बल
सिंघानिया ने कहा कि रिजर्व बैंक के रेपो दर में 0.25% की कटौती करने और नीतिगत रुख को ‘तटस्थ’ से ‘उदार’ में बदलने से भी बाजार की धारणा को बल मिला. जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘बाजार का आश्चर्यजनक तरीके से लचीलापन दिखना अहम है. जवाबी शुल्क से जुड़े घटनाक्रम और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद भी निफ्टी अप्रैल में ऊपर है. यs बताता है कि संकट के समय घबराने की जरूरत नहीं है.’
सिंघानिया ने मई में बाजार की तेजी कायम रहने की संभावना पर कहा कि यह काफी हद तक कंपनियों के अनुकूल तिमाही नतीजों और सीमा पर बनने वाली स्थिति से तय होगा. उन्होंने कहा, ‘निवेशक अमेरिकी बाजार के घटनाक्रमों पर भी नजर रखेंगे, क्योंकि इसका भारत जैसे उभरते बाजारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है.’