

हम अपनी डेली रूटीन लाइफ में कई बार क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हैं।
क्यूआर कोड क्या होता है इसे बताने की जरूरत नहीं है। अगर आपके पास स्मार्टफोन है तो आपने कभी न कभी इसका जरूर इस्तेमाल किया होगा। आज के डिजिटल दौर में UPI Payment से लेकर लैपटॉप-कंप्यूटर में वॉट्सऐप चलाने तक में इसका इस्तेमाल किया जाता है। डाटा सेफ्टी और प्राइवेसी के लिए क्यूआर कोड काफी अहम होता है। इसकी सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि जितने बार भी इसे इस्तेमाल किया जाता है तो इसमें नए कोड्स होते हैं।
डेली रूटीन लाइफ में हम न जाने कितने बार क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हैं। कभी ऑनलाइन पेमेंट के लिए तो कभी अपने लैपटॉप पर वॉट्सऐप को लॉगिन करने के लिए। लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि आखिर इसे पहली बार कब और किसने बनाया था। अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो हम आपको इसके बारे में बताने वाले हैं।
किसने बनाया QR Code?
सबसे पहले आपको क्यूआर कोड का फुल फॉर्म बताते हैं। QR का फुल फॉर्म Quick Response होता है। क्यूआर कोड को सबसे पहले एक जापानी इंजीनियर के द्वारा जनरेट किया गया था। इसे 1994 में इंजीनियर मासाहिरो द्वारा बनाया गया था। हालांकि मासाहिरो ने इसे पूरी तरह से नहीं डिजाइन किया था। मासाहिरो के बाद टोयोटा मोटर कार्पोरेशन की सहायक कंपनी Denso Wave के द्वारा इसे अंतिम रूप दिया गया था।
एक गेम ने दिया QR कोड को जन्म
आपको शायद इस बात पर भरोसा नहीं होगा कि आज के समय में जो क्यूआर कोड इतना जरूरी बन चुका है उसका आइडिया मासाहिरो को GO गेम खेलते समय आया था। अगर आपको नहीं मालू कि गो गेम क्या होता है तो बता दें कि इसमें एक गो बोर्ड होता है जिसमें 19×19 के फॉर्मेट में ग्रिड बने होते हैं। इस ग्रिड में काले और सफेद रंग की अलग अलग डिजाइन होती है। इसे देखकर मासाहिरो को आइडिया आया कि एक ग्रिड में कई तरह की जानकारियां रखी जा सकती हैं। उनके इस आइडिया से ही क्यूआर कोड का जन्म हुआ।