
Pakistan Role In Terrorism: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कबूल किया कि पिछले तीन दशक से पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकवाद फैला रहा है. इस बयान से पूरी दुनिया हैरान रह गई. हालांकि, भारत के लिए कोई आश्चर्य नहीं था, क्योंकि जम्मू कश्मीर और भारत के दूसरे हिस्सों में जितने भी बड़े आतंकी हमले हुए, सभी के तार पाकिस्तान से जुड़े पाए गए. यही वजह है कि जब गुरुवार (1 मई) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हैगसेथ से दो टूक कह दिया कि पाकिस्तान एक रोग-स्टेट यानी दुष्ट-राष्ट्र है, जो दक्षिण एशिया के साथ-साथ पूरी दुनिया में फैल रहे वैश्विक आतंकवाद का गढ़ है.
पहलगाम हमले में दो पाकिस्तानी मूल के आतंकी शामिल है. इनका नाम हाशिम मूसा और तल्हा भाई (अबू तल्हा) है. हाशिम मूसा के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तानी सेना की स्पेशल फोर्स (एसएसजी) का पूर्व कमांडो है. इससे पहले साल 2018 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मुंबई के 26-11 आतंकी हमले में पाकिस्तान के हाथ होने की बात खुद कबूल की थी. अमेरिका से प्रत्यर्पण कर लाया गया मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा खुद पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुका है.
पाकिस्तान की काली करतूत
पाकिस्तान आतंकवाद का एपिसेंटर है. इसकी सच्चाई पूरी दुनिया को मालूम है. अगर बात करें पाकिस्तान के कुकर्मों की तो ऐसे कई सारे उदाहरण है, जिससे साबित होता है कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए जन्नत साबित हुआ है. पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने खुद कश्मीर में आतंकी संगठनों को मदद करने की बात कबूल की थी ताकि भारत बातचीत की टेबल पर आ जाए. अमेरिका की पूर्व विदेश सचिव हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अपने बैकयार्ड में सांपों को ना पालें. अफगानिस्तान में एक लंबे समय तक पाकिस्तान ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को आतंकी ट्रेनिंग, फंडिंग और शरण देने का काम किया था.
यूएस एंबेसी पर हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े
साल 2008 में काबुल दूतावास पर आतंकी हमला और 2011 में यूएस एंबेसी पर हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े पाए गए थे. इसी साल मार्च के महीने में पाकिस्तान ने शरीफुल्लाह नाम के जिस आतंकी को पकड़कर अमेरिका जांच एजेंसी एफबीआई को सौंपा, वो पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर से ही पकड़ा गया था. शरीफुल्लाह पर 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने का आरोप था, जिसमें अमेरिका के एक दर्जन से ज्यादा सैनिक मारे गए थे. पिछले साल रूस की राजधानी मॉस्को के कॉन्सर्ट हॉल में हुए बड़े आतंकी हमले में पकड़े गए आतंकियों के तार पाकिस्तान से जुड़े थे. आईएसआईएस की जिस खुरासान नेटवर्क से आतंकी जुड़े थे, वो पाकिस्तान से ही ऑपरेट करती है.
ईरान के कट्टरपंथी सुन्नी संगठन
ईरान के कट्टरपंथी सुन्नी संगठन जैश उल अदल के तार भी पाकिस्तान के बलूचिस्तान से जुड़े हैं. ये आतंकी संगठन ईरान के सिस्तान में आतंकी हमला करता रहता है. पिछले साल ईरान ने बलूचिस्तान में इस आतंकी संगठन के ठिकानों पर एयर-स्ट्राइक की थी. अलकायदा चीफ और अमेरिका के 9-11 अटैक का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में ही ढेर किया गया था. बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मदद करती हैं.