
ITR Form 3 : इनकम टैक्स विभाग ने आईटीआर फॉर्म-3 को नोटिफाई किया है. इस फॉर्म में करदाताओं को कई खुलासे करने होंगे और अपनी कमाई से जुड़ी ज्यादा डिटेल देनी होगी. विभाग ने यह फॉर्म बिजनेस या प्रोफेशन से कमाई करन…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- ITR-3 फॉर्म बिजनेस या प्रोफेशन से कमाई करने वालों के लिए है.
- संपत्ति रिपोर्टिंग सीमा 50 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ की गई.
- कैपिटल गेन पर 23 जुलाई 2024 से पहले या बाद में विभाजन जरूरी.
नई दिल्ली. इनकम टैक्स विभाग ने आईटीआर फॉर्म-1 और 4 को नोटिफाई करने के बाद अब आईटीआर फॉर्म-3 को भी नोटिफाई कर दिया है. आयकर विभाग ने एक पोस्ट जारी कर बताया कि आईटीआर फॉर्म-3 को उन व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए अधिसूचित किया गया है, जिनकी कमाई बिजनेस या प्रोफेशन से होती है. इससे पहले विभाग ने आईटीआर फॉर्म 1 और 4 को भी नोटिफाई किया था.
आयकर विभाग की पोस्ट के अनुसार, आकलन वर्ष 2025-26 के लिए ITR-3 को अधिसूचित कर दिया गया है. ITR-3 उन व्यक्तियों और एचयूएफ द्वारा दाखिल किया जाता है जिनका कोई बिजनेस है या पेशेवर काम करते हैं. आयकर कानून के ‘शेड्यूल AL’ के तहत संपत्ति और देनदारियों की रिपोर्टिंग की सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे मध्यम आय वर्ग के करदाताओं पर संपत्ति खुलासे का बोझ कम हो गया है.
कैपिटल गेन पर बदलाव
ITR फॉर्म के शेड्यूल कैपिटल गेन में अब पूंजीगत लाभ को इस आधार पर विभाजित करना होगा कि वे 23 जुलाई 2024 से पहले या बाद में उत्पन्न हुए हैं. 24 जुलाई 2024 को पेश बजट में सरकार ने रियल एस्टेट पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा था, जिसमें इंडेक्सेशन का लाभ शामिल नहीं होगा. इंडेक्सेशन लाभ करदाताओं को महंगाई के लिए समायोजन के बाद संपत्ति की लागत मूल्य निर्धारित करने में मदद करता है. इससे टैक्स बचाने में बड़ी मदद मिलेगी.
आईटीआर में कैसे भरें डिटेल
ऐसे व्यक्ति या एचयूएफ जिन्होंने 23 जुलाई 2024 से पहले घर खरीदे हैं, वे नई योजना के तहत 12.5 फीसदी की दर से बिना इंडेक्सेशन के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर का भुगतान कर सकते हैं या इंडेक्सेशन लाभ का दावा कर 20 फीसदी टैक्स का भुगतान कर सकते हैं. टैक्स परामर्श फर्म AKM ग्लोबल के पार्टनर-टैक्स संदीप सहगल का कहना है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए ITR फॉर्म 3 में महत्वपूर्ण अपडेट किए हैं, जिससे व्यवसाय या पेशे से कमाई करने वाले व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए इसका अनुपालन आसान हो गया है.
आईटीआर फॉर्म में ये डिटेल भी जरूरी
इनकम टैक्स की धारा 80C जैसी कटौतियों के लिए ड्रॉपडाउन और सेक्सन वाइज टीडीएस रिपोर्टिंग भी पेश की गई है, जिससे पारदर्शिता, सटीकता और फाइलिंग में आसानी बढ़ी है. इससे पहले 29 अप्रैल को, सरकार ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म 1 और 4 को अधिसूचित किया था, और सूचीबद्ध इक्विटी से 1.25 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ वाले व्यक्तियों के लिए रिटर्न दाखिल करना आसान बना दिया था. सरकार ने 80C, 80GG और अन्य धाराओं के तहत दावा की गई टैक्स कटौतियों के संबंध में फॉर्म में कुछ बदलाव भी किए हैं और आईटीआर भरने वालों के लिए ड्रॉपडाउन मेनू भी दिया है. करदाताओं को ITR में टीडीएस कटौतियों के संबंध में भी सेक्शनवाइज डिटेल भरनी होगी.