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IGNOU के पूर्व कुलपति नागेश्वर राव को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में नेपाली स्टूडेंट का शव मिलने के यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है।
कमेटी में चार सदस्य हैं। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) के पूर्व कुलपति नागेश्वर राव को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। कमेटी को 10 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
कमेटी न केवल दो नेपाली स्टूडेंट की मौतों की जांच करेगी बल्कि स्टूडेंट वेलफेयर, सिक्योरिटी रेगुलेशन और ऐसी घटनाएं रोकने का उपाय भी सुझाएगी। कमेटी KIIT के मेंटल हेल्थ सपोर्ट सिस्टम को भी परखेगी।
बीटेक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट प्रिसा साह का शव 1 मई को हॉस्टल रूम के पंखे से लटकता मिला था। इससे पहले फरवरी में भी एक अन्य नेपाली स्टूडेंट प्रकृति लामसाल ने सुसाइड कर लिया था।

भारत सरकार नेपाली अधिकारियों, राज्य सरकार और KIIT मैनेजमेंट के संपर्क में मामले में भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ताजा घटना को लेकर हम लगातार ओडिशा सरकार के संपर्क में हैं। राज्य सरकार ने मृतक के परिवार को पूरी मदद दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
भारत सरकार सभी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी और वेलफेयर को बहुत गंभीरता से लेती है। हम इस मामले में रियलटाइम कम्युनिकेशन और कॉर्डिनेशन के लिए नेपाली अधिकारियों, ओडिशा सरकार और KIIT मैनेजमेंट के साथ संपर्क में हैं।
वहीं, नेपाल के विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने कहा कि घटना के बाद कूटनीतिक प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। दिल्ली में नेपाली दूतावास जांच के लिए भारत और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कॉर्डिनेशन कर रहा है। फरवरी में नेपाली छात्रा की सुसाइड पर प्रदर्शन हुआ था

KIIT हॉस्टल में नेपाली छात्रा का शव मिलने के बाद छात्रों ने प्रदर्शन किया था।
कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में इससे पहले भी 16 फरवरी को बी-टेक थर्ड ईयर की स्टूडेंट प्रकृति लामसाल का शव हॉस्टल में मिला था। कहा गया कि उसने आत्महत्या की है। छात्रा की मौत पर कॉलेज के अन्य इंटरनेशनल छात्रों यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रकृति के बैच का ही भारतीय छात्र उसे प्रताड़ित कर रहा था। दावा किया गया था कि छात्र लड़की का बॉयफ्रेंड था। स्टूडेंट्स का कहना है कि शिकायतों के बाद भी यूनिवर्सिटी ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। छात्रों ने यह आरोप भी लगाया कि यूनिवर्सिटी ने मामले को दबाने की कोशिश भी की।
छात्रा के चचेरे भाई की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी भारतीय छात्र को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया था। इसके अलावा करीब 10 अन्य को भी गिरफ्तार किया गया था। इनमें यूनिवर्सिटी के तीन डायरेक्टर भी शामिल थे।
इस मामले की जांच के लिए ओडिशा सरकार ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव और उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त-सह-सचिव वाली हाई लेवल फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया था।
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नेपाली छात्रा की मौत पर ओडिशा विधानसभा से लेकर नेपाल की संसद तक हंगामा हुआ। बेटी की मौत से परेशान प्रकृति के पिता सुनील लामसाल कहते हैं, ‘हमने ये सोचकर बेटी को इंडिया भेजा था कि इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी है। अच्छी पढ़ाई और माहौल होगा। अब डर लगता है। बेटे को भी इंडिया भेजना था, पर अब नहीं भेजूंगा।’ पूरी खबर पढ़ें…