
सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक ने 31 मार्च को खत्म तिमाही में शुद्ध लाभ 30 प्रतिशत बढ़कर 1,051 करोड़ रुपये हो गया। शुक्रवार को बैंक ने यह जानकारी दी। चेन्नई स्थित इस बैंक ने एक साल पहले इसी अवधि में 808 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, बैंक के एमडी और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बैंक को चालू वित्त वर्ष के दौरान सभी क्षेत्रों में 13-14 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय बढ़कर 9,215 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले यह 9,106 करोड़ रुपये थी। इस दौरान ब्याज आय बढ़कर 7,634 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6,629 करोड़ रुपये थी।
4,000 करोड़ रुपये जुटाएगा आईओबी
खबर के मुताबिक, श्रीवास्तव ने कहा कि बैंक चालू वित्त वर्ष के दौरान 4,000 करोड़ रुपये जुटाएगा, जिसके बाद भारत सरकार की हिस्सेदारी मौजूदा 94.61 प्रतिशत से घटकर 90 प्रतिशत हो जाएगी। शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन, बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान एक या अधिक किस्तों में फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर, राइट्स इश्यू, योग्य संस्थागत प्लेसमेंट या किसी अन्य तरीके या संयोजन के जरिए 4,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है।
एनपीए में काफी सुधार
एसेट क्वालिटी के मोर्चे पर, बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) मार्च 2024 के आखिर तक सकल अग्रिमों के 3.10 प्रतिशत की तुलना में घटकर 2.14 प्रतिशत रह गईं। इसी तरह, शुद्ध एनपीए भी 2024 के आखिर में 0.57 प्रतिशत से अधिक, अग्रिमों (एडवांस) के 0.37 प्रतिशत पर आ गए। इसका नतीजा यह हुआ कि तिमाही के दौरान कुल प्रावधान घटकर 200 करोड़ रुपये रह गया, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 409 करोड़ रुपये था। बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात वित्त वर्ष 2024 के आखिर में 17.28 प्रतिशत से बढ़कर 19.74 प्रतिशत हो गया।
बैंक ने अपने लाभ में 26% की वृद्धि दर्ज की
पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, बैंक ने अपने लाभ में 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वर्ष के 2,656 करोड़ रुपये के मुकाबले 3,335 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष के दौरान बैंक की कुल आय बढ़कर 33,676 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले यह 29,706 करोड़ रुपये थी। श्रीवास्तव ने कहा कि 13-14 प्रतिशत की वृद्धि खुदरा, कृषि और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सहित सभी क्षेत्रों में होगी। किसी विशेष क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जा रहा है। वर्तमान में, रैम क्षेत्र (खुदरा, कृषि और एमएसएमई) लगभग 77 प्रतिशत है।