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केदारनाथ मंदिर फूलों से सजाया गया है। गुरुवार शाम को भगवान की पंचमुखी डोली यात्रा पहुंची।
केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह 7 बजे खुल जाएंगे। बाबा केदार की पंचमुखी डोली गुरुवार शाम को ही धाम पहुंच चुकी है। लेकिन उससे पहले मंदिर के कपाट और गर्भगृह को खोलने का विधान होगा। यह विधान भी दिलचस्प है।
मंदिर में सबसे पहले कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के मुख्य रावल भीमशंकर लिंग प्रवेश करेंगे। अखंड ज्योति के दर्शन के बाद गर्भगृह और मंदिर की साफ-सफाई होगी। रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र और केदाराष्टक के मंत्रों के साथ बाबा पर 6 महीने पहले चढ़ाया गया भीष्म शृंगार हटाया जाएगा।
केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद भक्त 6 महीने तक दर्शन कर सकेंगे। जून से अगस्त के बीच मौसम सही रहा तो इस बार 25 लाख से ज्यादा लोगों के केदारनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है। चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) को खुल गए हैं।
5 घंटे में होता है बाबा का भीष्म शृंगार
- पट खुलने के बाद भीष्म शृंगार हटाने की प्रक्रिया भी दिलचस्प है। सबसे पहले शिवलिंग के पास रखे गए मौसमी फल और ड्राई फ्रूट्स का ढेर हटाते हैं। इसे आर्घा कहते हैं।
- फिर बाबा पर चढ़ी एक से लेकर 12 मुखी रुद्राक्ष की मालाएं निकालते हैं। इसके बाद शिवलिंग पर चारों ओर लपेटा गया सफेद कॉटन का कपड़ा हटाया जाता है।
- पट बंद करते समय शिवलिंग पर 6 लीटर पिघले हुए शुद्ध घी का लेपन करते हैं, जो इस वक्त जमा होता है, इसे धीरे-धीरे शिवलिंग से निकालते हैं।
- इसके बाद होता है शिवलिंग का गंगा स्नान। गोमूत्र, दूध, शहद और पंचामृत स्नान के बाद बाबा केदार को नए फूलों, भस्म लेप और चंदन का तिलक लगाकर तैयार किया जाएगा।
- कपाट बंद करते समय भीष्म शृंगार में करीब 5 घंटे लग जाते हैं, लेकिन कपाट खोलते वक्त आधे घंटे में इसे हटा दिया जाता है। सुबह 7:30 बजे गर्भगृह में श्रद्धालुओं को भेजना शुरू होगा।
इस बार पहले दिन भीड़ थोड़ी कम, गौरीकुंड में कमरे खाली
इस बार पहले दिन दर्शन के लिए 11 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाए हैं। हालांकि केदारधाम के लिए जिस गौरीकुंड से 16 किमी लंबी पैदल यात्रा शुरू होती है, वहां उपलब्ध 1500 कमरों में से 1100 के आसपास ही भरे हैं। होटल, लॉज व्यवसायियों का कहना है कि इस बार पहले दिन पिछले साल जैसी भीड़ नहीं है। चारधाम यात्रा के लिए अब तक 23 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाए हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा 7.30 लाख श्रद्धालु केदारनाथ जाने वाले हैं। पिछले साल कुल 19.50 लाख ने बाबा केदार के दर्शन किए थे।
केदारनाथ मंदिर के शृंगार की तस्वीरें…

भगवान की पंचमुखी डोली यात्रा केदारनाथ धाम पहुंची।

भगवान की पंचमुखी डोली यात्रा के दर्शन के लिए जमा श्रद्धालुओं की भारी भीड़।

पूरे मंदिर को 45 विभिन्न किस्मों के फूलों की लड़ियों से सजाया गया है।

जम्मू-कश्मीर, पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली से फूल मंगवाए गए।

सजावट के लिए पं. बंगाल के भी 50 कारीगर बुलाए गए हैं, जो फूलों की कलाकारी में माहिर हैं।

देश के 8 राज्यों के अलावा थाईलैंड, श्रीलंका और नेपाल से भी फूल मंगवाए गए हैं।

केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 11,968 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

केदारनाथ मंदिर 6 महीनों तक बंद रहता है। यह मंदिर चारधाम तीर्थयात्रा की शुरुआत का प्रतीक है।
हेलिकॉप्टर से भी जा सकेंगे केदारनाथ
केदारनाथ धाम हेलिकॉप्टर से भी जा सकते हैं। यह सर्विस सोनमर्ग से रहेगी। हेलिकॉप्टर ऑपरेटर पवन राणा ने बताया कि IRCTC से ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। ऑफलाइन टिकट्स डीएम ऑफिस या सेक्टर मजिस्ट्रेट के पास से ली जा सकती हैं। हम रोज 20-30 बार सर्विस देंगे। इसमें हर दिन 150 से ज्यादा तीर्थयात्रियों को केदारनाथ पहुंचाया जाएगा।
राणा ने ये भी बताया कि हेलिकॉप्टर सर्विस मौसम के हिसाब से तय होगी। अगर मौसम साफ रहेगा तो रोज 25-30 फ्लाइट चलाएंगे। अगर मौसम खराब रहेगा तो टिकट कैंसिल कर देंगे। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।
4 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
उत्तराखंड चार धामों में से एक बद्रीनाथ (चमोली जिला) के कपाट 4 मई को खुलेंगे। इससे पहले 1 मई को उत्तराखंड के DGP दीपम सेठ और ADG वी मुरुगेश ने सिक्योरिटी, ट्रैफिक मैनेजमेंट, क्राउड कंट्रोल जैसी व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
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