
एक समय था जब BlackBerry फोन का जबरदस्त क्रेज था. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसकी खातिर बराक ओबामा वाइट हाउस तक छोड़ने को तैयार थे. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि ये फोन बंद हो गया. ज…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- ओबामा ब्लैकबेरी फोन छोड़ने को तैयार नहीं थे.
- ब्लैकबेरी की लोकप्रियता 2010 में चरम पर थी.
- एंड्रॉइड और iOS के कारण ब्लैकबेरी की लोकप्रियता घटी.
Rise and Fall of BlackBerry: ये बात साल 2008 की है, जब बराक ओबामा को अमेरिका का राष्ट्रपति चुना गया था. बराक ओबामा को वाइट हाउस में रहने के लिए उनके ब्लैकबेरी फोन को छोड़ने के लिए कहा गया. इस पर ओबामा ने कहा था कि आप चाहें तो मैं ऑफिस छोड़ सकता हूं, लेकिन ब्लैकबेरी फोन नहीं. ब्लैकबेरी पहला वो फोन बना, जिसे वाइट हाउस में ले जाने की अनुमति मिली. हालांकि उससे पहले फोन को टेक एक्सपर्ट्स ने पूरी तरह कस्टमाइज कर दिया था.
ब्लैकबेरी हैंडसेट को लेकर ऐसी ही दीवानगी थी मार्केट में. उन दिनों हाथ में ब्लैकबेरी फोन लेकर ज्यादा कॉन्फिडेंट फील किया करते थे. लेकिन ऐसा क्या हुआ, जिसकी वजह से ब्लैकबेरी इतना लोकप्रिय होने के बावजूद गुमनामी के अंधेरों में खो गया. आइये जानते हैं इस फोन की पूरी कहानी…
क्यों बंद हुआ ब्लैकबेरी ?
ब्लैकबेरी लिमिटेड (BB) को जनवरी 2013 तक रिसर्च इन मोशन (RIM) के नाम से जाना जाता था. इसका सफलता और असफलता का लंबा इतिहास रहा है. कई लोग इसे पहला स्मार्टफोन बनाने का श्रेय देते हैं. जनवरी 2010 में दुनिया भर में इसके 41 मिलियन ग्राहक थे. ये ब्लैकबेरी की सफलता का चरम स्थान था. Google के Android प्लेटफॉर्म और Apple के iOS के आने के कारण इसकी लोकप्रियता में लगभग तीन-चौथाई की गिरावट आई. फरवरी 2025 तक ब्लैकबेरी का शेयर मूल्य $147 के उच्च स्तर से गिरकर लगभग $4 से $5 पर आ गया था.
माना जाता है कि ब्लैकबेरी प्रतिस्पर्धा के कारण विफल हो गया. ब्लैकबेरी ने एप्पल आईफोन की शुरूआत को गंभीरता से नहीं लिया और इससे बाजार में उसकी हिस्सेदारी कम हो गई, जिससे ब्लैकबेरी उबर नहीं सका. स्मार्टफोन के क्षेत्र में और अधिक प्रतिस्पर्धी आ गए, जिससे आखिरकर ब्लैकबेरी बाहर हो गया.