
उन्होंने कहा कि उनका बयान गलत तरीके से पेश किया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपनी एकता और संप्रभुता के लिए किसी भी खतरे को सहन नहीं करना चाहिए और अगर जरूरी हो तो पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध किया जा सकता है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दी सफाई
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “मैंने कहा कि अभी युद्ध जरूरी नहीं है, लेकिन देश के लोगों की सुरक्षा के लिए आतंकवाद को पूरी तरह खत्म किया जाना चाहिए. भारत बुद्ध और बसवन्ना की भूमि है और हम शांतिप्रिय लोग हैं, हम बिना कारण युद्ध नहीं करते. अगर युद्ध अपरिहार्य हो तो हमें युद्ध करना चाहिए, चाहे वह पाकिस्तान के खिलाफ हो या किसी और देश के खिलाफ, जो हमारी एकता और संप्रभुता के लिए खतरा बने. मेरे शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया ताकि यह कहा जा सके कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, “आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करना चाहिए. यह काम केंद्र सरकार को करना चाहिए. साथ ही लोगों को सुरक्षा भी मिलनी चाहिए. यही मेरा मतलब था. मैंने कभी युद्ध का विरोध नहीं किया. पहले 1971 में इंदिरा गांधी ने युद्ध छेड़ा और दुश्मनों को हराया था. उस समय 90,000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था.
डीके शिवकुमार ने टिप्पणी करने से किया इनकार
डीसीएम डीके शिवकुमार ने रविवार को सिद्धारमैया के बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा, “मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर हमारी पार्टी पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है. हमने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक भी की, जिसमें हमले की निंदा की गई और हम सरकार के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की. देश की सुरक्षा और शांति बहुत महत्वपूर्ण है. आइए हम सब पहले भारत की रक्षा के लिए काम करें.”