
भारतीयों ने बीते महीने अप्रैल में 147.48 अरब यूनिट (बीयू) खर्च किया है। देशभर में बिजली खपत मामूली रूप से 2.2 प्रतिशत बढ़ी है। बीते साल इसी महीने में यह खपत 144.28 बीयू थी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, एक दिन में सबसे अधिक सप्लाई (पीक पावर डिमांड पूरी) भी बढ़कर 235.19 गीगावाट हो गई, जो पिछले महीने 224.05 गीगावाट थी। मई 2024 में पीक पावर डिमांड लगभग 250 गीगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई। इससे पहले पिछली सर्वकालिक उच्च पीक पावर डिमांड 243.27 गीगावाट सितंबर 2023 में दर्ज की गई थी।
गर्मियों में पीक पावर डिमांड का अनुमान
खबर के मुताबिक, सरकारी अनुमानों के मुताबिक, 2025 की गर्मियों में पीक पावर डिमांड 277 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि मई में बिजली की मांग और खपत बढ़ने की संभावना है, जो सामान्य से अधिक गर्म रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग के मुताबिक, भारत में अप्रैल से जून तक सामान्य से ज्यादा तापमान रहने की उम्मीद है, साथ ही मध्य और पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में अधिक लू वाले दिन होंगे।
मौसम विभाग ने लगाया है ये पूर्वानुमान
मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व में कुछ स्थानों को छोड़कर, देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा, जहां तापमान सामान्य या सामान्य से थोड़ा कम हो सकता है। पिछले साल की तुलना में 2025 में लू बहुत पहले आ जाएगी। 2024 में, भारत ने 5 अप्रैल को ओडिशा में अपनी पहली लू की सूचना दी, लेकिन कोंकण और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में इस साल 27-28 फरवरी की शुरुआत में ही लू का अनुभव हुआ।
बिजली की मांग में 9 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की संभावना
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत को इस गर्मी के मौसम में 9 से 10 प्रतिशत की बिजली की मांग में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि देश में लू के दिनों की संख्या अधिक रहने की उम्मीद है। आईएमडी के अनुसार, देश में अप्रैल में 72 लू के दिन दर्ज किए गए। राजस्थान और गुजरात में सामान्य से अधिक गर्म लहर वाले दिन (6 से 11 दिन) तथा पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ में (4 से 6 दिन) दर्ज किए गए, जबकि सामान्यतः दो से तीन दिन ऐसा होता है।