

फैक्ट चेक
पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले को आज 10 दिन हो गए हैं। पूरे देश को पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन का इंतजार है। इस बीच कश्मीर में रह रहे आम लोगों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर चार तस्वीरें शेयर की गईं। पोस्ट करने वाले यूजर ने दावा किया कि बीते 48 घंटों में भारतीय सेना ने कश्मीर में 7 से ज्यादा घर गिरा दिए और फर्जी मुठभेड़ कीं, जिससे निर्दोष परिवारों को नुकसान हुआ। इस दावे के समर्थन में चार तस्वीरें पोस्ट की गई थीं, जिनमें मकान मलबे में तब्दील नजर आ रहे थे।
हालांकि फैक्ट चेक डेस्क की जांच में यह दावा गलत निकला। पड़ताल में साफ हुआ कि सात नहीं, कुल 9 घर गिराए गए थे और ये सभी घर उन आतंकियों के घर थे, जो हाल ही में हुए पहलगाम हमले या पहले की आतंकी घटनाओं में शामिल थे।
क्या हो रहा है वायरल?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक यूजर ने 26 अप्रैल 2025 को एक पोस्ट शेयर करते हुए दावा किया कि पिछले 48 घंटों में भारतीय सेना ने कश्मीर में सात से अधिक घरों को तोड़ दिया और फर्जी मुठभेड़ें कीं। उन्होंने यह भी लिखा कि इस सबका खामियाजा बेगुनाह परिवारों को भुगतना पड़ रहा है। पोस्ट में चार तस्वीरें भी थीं, जिनमें कश्मीरी नागरिकों के घर मलबे में तब्दील दिखाई दे रहे थे। पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, “पिछले 48 घंटों में भारतीय सेना ने कश्मीर में सात से अधिक घरों को गिरा दिया और फर्जी मुठभेड़ें की हैं। बेगुनाह परिवारों को भारी पीड़ा झेलनी पड़ रही है। ये हरकतें मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन हैं। कृपया इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं।
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पड़ताल:
वायरल तस्वीरों की असलियत जानने के लिए हमने पोस्ट के साथ शेयर की गई चारों तस्वीरों की एक-एक कर जांच की। पहली तस्वीर, जिसमें एक बुज़ुर्ग महिला मलबे के बीच चलती दिखाई दे रही है, इस तस्वीर को डेस्क ने गूगल पर रिवर्स ओपन सर्च किया, इस दौरान हमें यह तस्वीर कश्मीर बुलेटिन के यूट्यूब चैनल पर 26 अप्रैल 2025 को प्रकाशित एक वीडियो में मिली।
जांच में सामने आया कि यह वही तस्वीर है जो वायरल पोस्ट में बुज़ुर्ग महिला के रूप में दिखाई गई है। यह वीडियो “एक्टिव मिलिटेंट जाकिर अहमद गनी का घर माटलहामा कुलगाम में धमाके में उड़ा दिया गया” शीर्षक से अपलोड किया गया था। इससे साफ है कि यह घर उस आतंकवादी का था जो इलाके में आतंकी गतिविधियों में शामिल था। किसी आम नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया।
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पोस्ट के साथ शेयर की गई दूसरी तस्वीर को गूगल लेंस पर खोजा। सर्च के दौरान हमें 26 अप्रैल 2025 को टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक खबर मिली।इस रिपोर्ट में कई तस्वीरें थीं, जिनमें वायरल पोस्ट में दिखाई गई तस्वीर भी शामिल थी। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर पहलगाम आतंकी हमले में शामिल पांच आतंकवादियों में से एक की संपत्ति को ध्वस्त किए जाने की है।
तीसरी तस्वीर को गूगल लेंस के ज़रिए जांचा। सर्च करने पर हमें 25 अप्रैल 2025 को कश्मीर पैट्रियट में प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट की कवर फोटो सोशल मीडिया पोस्ट में साझा की गई तीसरी तस्वीर से मेल खाती थी। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके में एक गांव में सुरक्षा बलों द्वारा की गई तलाशी कार्रवाई के दौरान एक विस्फोट हुआ, जिसमें एक मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। रिपोर्ट की हेडलाइन थी: “त्राल में तलाशी अभियान के दौरान विस्फोट में मकान क्षतिग्रस्त”
चौथी तस्वीर के लिए, डेस्क ने एक बार गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया परिणामस्वरूप हमें MSN न्यूज़ की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल पोस्ट में दिखाई गई तस्वीर भी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, दो स्थानीय आतंकवादियों, आदिल ठोकर और आसिफ शेख, जिनका संबंध जम्मू और कश्मीर के पहलगाम हमले से था, के घरों को अनंतनाग और अवंतीपोरा क्षेत्रों में उड़ा दिया गया और नष्ट कर दिया गया।
पड़ताल के दौरान में हमें एक और रिपोर्ट NDTV के यूट्यूब चैनल पर प्रकाशित मिली। यह रिपोर्ट 25 अप्रैल, 2025 को प्रकाशित किया गया था। जिसमें उसी घर का फुटेज था, लेकिन अलग नजरिए से। यह घर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी आदिल हुसैन ठाकुर का था, जो पाहलगाम हमले में शामिल था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। एक धमाके में यह घर तबाह हो गया। एक और धमाके में आतंकी आसिफ शेख का घर भी नष्ट हो गया, जो पाहलगाम हमले की साजिश में शामिल था। कहा गया कि उनके घरों में विस्फोटक रखे गए थे।
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Fact Check में क्या निकला?
Fact Check में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। हमारी पड़ताल में सामने आया कि सात नहीं, कुल नौ घर गिराए गए थे और ये सभी घर उन आतंकियों के घर थे, जो हाल ही में हुए पहलगाम हमले या पहले की आतंकी घटनाओं में शामिल थे। (इनपुट: भाषा)
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