
Bangladesh Border: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बांग्लादेश में बॉर्डर के आसपास के इलाकों में बढ़ रही कट्टरपंथी गतिविधियों को लेकर चिंता जताई है. हालांकि, मेघालय में बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने ये भी कहा है कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीपी) ने बीएसएफ के अधिकारियों की बैठकों में शेयर की गई सूचनाओं पर सक्रियता से कार्रवाई की है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसएफ के महानिरीक्षक (मेघालय फ्रंटियर) ओम प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि दोनों सीमा सुरक्षा बल 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में राजनीतिक सत्ता परिवर्तन के बाद भी रचनात्मक कार्य संबंध बनाए रखेंगे. उन्होंने बताया, ” बीजीबी ज्यादा सक्रिय है और फ्लैग मीटिंग के दौरान हमने जो जानकारी उनसे शेयर की थी, उसके आधार पर कार्रवाई की है, जिसके परिणामस्वरूप दलालों और हाल ही में अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश करने वालों की गिरफ्तारी हुई है.”
कट्टरपंथियों की बढ़ती गतिविधियों पर जताई चिंता
हालांकि, उन्होंने मेघालय की सीमा से लगे बांग्लादेश के कई जिलों में कट्टरपंथी तत्वों की गतिविधियों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, “उस देश में कट्टरपंथी तत्वों की गतिविधियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर शेरपुर, मैमनसिंह, नेत्रकोना, जमालपुर और सिलहट जिलों में और यह चिंता का विषय है क्योंकि वे सीमावर्ती आबादी को प्रभावित कर रहे हैं.”
बीजीबी के डायरेक्टर जनरल मेजर मोहम्मद अशरफज्जमां सिद्दीकी ने फरवरी में नई दिल्ली में बीएसएफ प्रमुख दलजीत सिंह चौधरी से मुलाकात की और सीमा पर बाड़ लगाने से लेकर भारतीय कर्मियों पर हमलों तक के लंबित मुद्दों को हल करने पर सहमति जताई.
बीएसएफ मेघालय पुलिस के साथ मिलकर कर रही काम
हाल ही में बांग्लादेश के साथ राज्य की सीमा पर बल की तैयारियों का आकलन करने के लिए मेघालय के उपमुख्यमंत्री प्रिस्टोन तिनसॉन्ग ने एक समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसमें उपाध्याय शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि बीएसएफ और मेघालय पुलिस मिलकर राज्य भर में 27 चौकियों पर तैनात हैं और मजबूती के साथ साथ काम कर रहे हैं.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा बलों की संख्या
बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद मेघालय में 444 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा, “पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर हम पूरी तरह से तैयार हैं. पिछले साल बांग्लादेश में विद्रोह के बाद से ही हमारे जवान सीमा पर हाई अलर्ट पर हैं. हमारे जवान हर समय सतर्क रहते हैं. हम सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं.”
उपाध्याय ने कहा कि गारो हिल्स में बांग्लादेशी नागरिकों का 90% आगमन रुक गया है, क्योंकि सीमा द्वारों पर चौबीसों घंटे सुरक्षा व्यवस्था है. सीमा पर बचे हुए हिस्सों पर बाड़ लगाने की प्रगति पर उपाध्याय ने कहा, “हम गारो हिल्स में एक अदालती मामले के कारण और जैंतिया हिल्स में स्थानीय जनता के विरोध के कारण सीमा पर बाड़ लगाने के काम को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं.”
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