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मीडिया संस्थानों की एक हालिया जांच में यूक्रेनी पत्रकार विक्टोरिया रोशचिना की मौत से जुड़ी जानकारी सामने आई है। रोशचिना को 2023 में रूसी सेना ने उस समय पकड़ लिया था, जब वह झापोरिझिया के कब्जे वाले क्षेत्र में यूक्रेनी नागरिकों की अवैध हिरासत और टॉर्चर पर रिपोर्टिंग कर रही थीं।
यूक्रेन के प्रॉसिक्यूटर जनरल ऑफिस के वॉर क्राइम्स यूनिट के प्रमुख यूरी बेलोउसॉव के मुताबिक, उनकी लाश की फॉरेंसिक जांच में गंभीर शारीरिक यातनाओं और अमानवीय व्यवहार के संकेत मिले हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 27 साल रोशचिना के शरीर के कई हिस्सों पर खरोंचें और अंदरूनी खून के थक्के पाए गए, उनकी एक पसली टूटी हुई थी, गर्दन पर गहरी चोटें थीं, और पैरों पर संभावित रूप से इलेक्ट्रिक शॉक के निशान भी मिले हैं।
बेलोउसॉव ने यह भी बताया कि विक्टोरिया रोशचिना के शव पर निशान मिले थे, जिससे पता चला था कि उनका शव यूक्रेन को लौटाए जाने से पहले उस पर पोस्टमॉर्टम किया गया था और उनके कुछ अंग गायब थे। उन्होंने कहा कि इन गायब अंगों से यह संकेत मिलता है कि रूस ने उनकी मौत के असली कारणों को छिपाने की कोशिश की हो।
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चीन बोला- कोविड की शुरुआत अमेरिका से हुई, श्वेतपत्र जारी किया

चीन ने बुधवार को एक नए सरकारी श्वेतपत्र जारी कर अमेरिका पर कोविड-19 वायरस का असली स्रोत होने का आरोप लगाया है। पिछले महीने अमेरिकी सरकार ने एक नई वेबसाइट लॉन्च की थी, जिसमें दावा किया गया था कि कोरोना महामारी की संभावित शुरुआत वुहान की एक लैब से हुई घटना है। इसके बाद चीन ने यह श्वेतपत्र जारी किया है।
व्हाइट हाउस ने 18 अप्रैल को जो नई कोविड-19 वेबसाइट लॉन्च की, उसमें पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन, अमेरिका के पूर्व शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार एंथनी फाॅची और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भी शुरुआती दौर में महामारी को संभालने को लेकर आलोचना की गई है।
चीन ने इन अमेरिकी आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया है और दावा किया है कि अमेरिका खुद इस वायरस का स्रोत हो सकता है। इस बहस ने एक बार फिर अमेरिका और चीन के बीच कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर तनातनी बढ़ा दी है।