
भारत में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, बल्कि करोड़ों दिलों की धड़कन है. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा का आज जन्मदिन है. उन्होंने हाल ही में भारत को T20 विश्व कप में चैंपियन बनाया और उसके बाद फॉर्मेट से संन्यास ले लिया. उनके जन्मदिन के मौके पर आइए हम उनका एजुकेशन का सफर आपको बताते हैं.
टीम इंडिया के कैप्टन रोहित शर्मा की, जिन्हें आज क्रिकेट का ‘हिटमैन’ कहा जाता है. आज हम उनकी क्रिकेट नहीं पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी दिलचस्प बातें आपको बताएंगे. रोहित शर्मा का जन्म 30 अप्रैल 1987 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था. उनके पिता गुरुनाथ शर्मा एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करते थे और मां पूर्णिमा शर्मा गृहिणी हैं. आर्थिक रूप से बेहद साधारण परिवार से आने वाले रोहित की शुरुआत एक ऑफ-ब्रेक गेंदबाज के तौर पर हुई थी, लेकिन समय के साथ उन्होंने बल्लेबाजी में महारत हासिल की और भारतीय क्रिकेट का ओपनिंग स्टार बन गए.
स्कूल बदलकर मिला करियर का मोड़
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रोहित शर्मा ने अपनी स्कूली पढ़ाई आवर लेडी ऑफ वेलांकन्नी हाई स्कूल से शुरू की थी, लेकिन 1999 में उनके कोच दिनेश लाड ने उन्हें बेहतर क्रिकेट सुविधाओं वाले स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में एडमिशन लेने की सलाह दी. दिलचस्प बात यह रही कि कोच ने उन्हें बिना फीस के ट्रेनिंग दी और यहीं से रोहित के प्रोफेशनल क्रिकेट करियर की नींव पड़ी.
कॉलेज अधूरा, क्रिकेट पूरा
12वीं पास करने के बाद रोहित ने मुंबई के रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स में ग्रेजुएशन के लिए दाखिला लिया था, लेकिन क्रिकेट के प्रति जुनून ऐसा था कि उन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी और क्रिकेट को ही अपना फुल टाइम करियर बना लिया. महज 17–18 साल की उम्र में उन्होंने पढ़ाई से अलविदा कहकर मैदान पर बल्ला थाम लिया.
इंटरनेशनल करियर
रोहित ने साल 2007 में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और उसी साल पहले टी-20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया. 2024 के वर्ल्ड कप में जीत के बाद उन्होंने टी-20 क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी. लेकिन वह टेस्ट और ओडीआई क्रिकेट अब भी खेल रहे हैं.
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