
सरगुजा के खजुरी गांव स्थित यादव होटल में 20 वर्षों से देसी गाय के दूध से शुद्ध, शुगर फ्री रबड़ी बनाई जा रही है, जिसकी बढ़ती लोकप्रियता ने मालिक को अच्छी आमदनी और स्थानीय पहचान दिलाई है.

फेमस रबड़ी
- यादव होटल में 20 वर्षों से शुद्ध रबड़ी बनाई जा रही है.
- रबड़ी शुगर फ्री होती है, डायबिटिक मरीज भी खा सकते हैं.
- यादव होटल की रबड़ी का स्वाद सरगुजा में प्रसिद्ध है.
सरगुजा- यदि आप रबड़ी के शौकीन हैं और परिवार या दोस्तों संग देसी स्वाद का आनंद लेना चाहते हैं, तो सरगुजा जिले के अम्बिकापुर से कुछ किलोमीटर दूर खजुरी गांव में स्थित “यादव होटल” आपके लिए परफेक्ट जगह है. यहां पिछले 20 वर्षों से शुद्ध देसी गाय के दूध से बनी रबड़ी लोगों को परोसी जा रही है, जो शुगर फ्री होती है और डायबिटिक मरीज भी इसे बड़े स्वाद से खा सकते हैं.
घर की गायों का दूध, बिना शक्कर की मिठास
होटल संचालक यादव जी खुद अपने घर में देसी गाय और भैंस पालते हैं. वे हर दिन लगभग 50 लीटर दूध को लकड़ी के चूल्हे पर 7 घंटे तक धीमी आंच पर पकाते हैं, जिससे दूध गाढ़ा होकर रबड़ी बन जाता है. इसमें किसी भी प्रकार की शक्कर नहीं डाली जाती, लेकिन फिर भी इसकी मिठास ग्राहकों का दिल जीत लेती है.
स्वाद ऐसा कि लोग बार-बार लौटते हैं
ग्राहक बताते हैं कि यादव होटल की रबड़ी का स्वाद सरगुजा ही नहीं, आसपास के जिलों में भी प्रसिद्ध है. अम्बिकापुर-नावानगर मार्ग पर यात्रा करते समय लोग विशेष रूप से यहीं रुकते हैं और रबड़ी का आनंद लेते हैं. एक बार खाने के बाद ज्यादातर ग्राहक बार-बार लौटकर आते हैं.
सिर्फ रबड़ी ही नहीं, अन्य व्यंजन भी मशहूर
यहां रबड़ी के अलावा बर्फी, खोवा, पेडा, सादा खोवा, समोसा और आलू चाप जैसे स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जाते हैं. सभी मिठाइयां और स्नैक्स घर के बने देसी दूध और देसी शैली में तैयार किए जाते हैं, जिससे स्वाद में एक अलग ही देसीपन बना रहता है.
रबड़ी से बदला पूरा परिवार का जीवन
होटल मालिक यादव जी बताते हैं कि रबड़ी के कारोबार ने उनके परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत किया है. अब उनके परिवार के सभी सदस्य इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और इससे अच्छी-खासी आमदनी हो रही है. उनका दावा है कि सरगुजा जिले में यादव होटल जैसा देसी स्वाद और कहीं नहीं मिलेगा.