
पाकिस्तान जानता है कि पहलगाम हमले के बाद से भारत बहुत गुस्से में है। पाकिस्तान जानता है कि भारत उसके खिलाफ बहुत बड़ी सैन्य कार्रवाई करने जा रहा है। पाकिस्तान यह भी देख रहा है कि ऐसे मुश्किल समय में चीन को छोड़कर कोई भी खुलकर उसका साथ नहीं दे रहा है। ऐसे में कल तक भारत को देख लेंगे की घुड़की देने वाले पाकिस्तानी हुक्मरान अब कहने लगे हैं कि युद्ध कोई हल नहीं है। दूसरी ओर पाकिस्तान ने अपने देश में सूचनाओं का ऐसा दुष्प्रचार अभियान शुरू किया है जिससे वहां की जनता को लगे कि उसकी सेना का पलड़ा भारी है। लेकिन तमाम पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल दर्शा रहे हैं कि वहां की जनता इस बात को स्वीकार कर रही है कि उनकी सेना भारत के सामने टिक नहीं पायेगी।
खबरें तो यहां तक भी हैं कि पाकिस्तान के पास सप्ताह भर का गोला-बारूद भी नहीं है क्योंकि उसने काफी सामान चोरी छिपे यूक्रेन को बेच दिया है। अब जब पाकिस्तान को तत्काल युद्ध सामग्री की जरूरत है तो उसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है और उससे भी बड़ी परेशानी इसकी खरीद में लगने वाली विदेशी मुद्रा की कमी की है। रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महीने का ही विदेशी मुद्रा भंडार है। युद्ध की कोई भी स्थिति उसे बड़ी आर्थिक परेशानी में डाल सकती है। इसके अलावा, पाकिस्तान के खिलाफ जिस तरह भारत ने वैश्विक स्तर पर मोर्चाबंदी की है उससे उसका एक बार फिर एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में जाना तय लग रहा है। इसका मतलब यही है कि पाकिस्तान का पैसा खत्म होने वाला है और उसे कहीं से एक नया पैसा उधार भी नहीं मिलेगा।
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जहां तक पाकिस्तान की ओर से छेड़े गये दुष्प्रचार अभियान की बात है तो वह अपने यहां मीडिया में खबरें चलवा रहा है कि उसके सुरक्षा बलों ने भारत के निगरानी ड्रोन को मार गिराया। पाकिस्तान में खबरें चल रही हैं कि एलओसी पर भारतीय सेना को करारा जवाब दिया गया जबकि हकीकत यह है कि नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना ने पाकिस्तानी बलों की ओर से की गयी अकारण गोलीबारी के बाद पलटवार करते हुए पड़ोसी देश के छक्के छुड़ा दिये हैं। पाकिस्तानी मीडिया में यह भी खबरें चल रही हैं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सेनाओं को पाकिस्तान में घुसपैठ की इजाजत दे दी है। जबकि हकीकत यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम हमला मामले का बदला लेने के लिए सेना को समय, स्थान और हमले का तरीका तय करने की छूट दी है। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में जान बूझकर ऐसे शब्द प्रयोग किये जा रहे हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच खुद को पीड़ित और भारत को आक्रांता के रूप में दर्शाया जा सके।
जहां तक पाकिस्तान के खिलाफ भारत की ओर से की जा रही वैश्विक मोर्चाबंदी की बात है तो आपको बता दें कि दुनिया की बड़ी शक्तियों समेत अधिकतर देशों ने भारत के प्रति अपना समर्थन जताया है। इस्लामिक देशों ने भी भारत का साथ देने की बात कही है। यह भी बड़ा रोचक दृश्य है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारी विदेशी राजनियकों के समक्ष अपना रोना रो रहे हैं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री तमाम देशों के मंत्रियों को फोन कर समर्थन मांग रहे हैं लेकिन उन देशों के राष्ट्राध्यक्ष सीधे भारत को फोन कर अपने समर्थन की पेशकश कर दे रहे हैं। यह दर्शा रहा है कि दुनिया अब आतंकवाद के खिलाफ खड़ी हो गयी है और भारत के माध्यम से आतंकवाद की फैक्ट्री बन चुके देश को करारा सबक सिखाना चाहती है।
बहरहाल, हमले से पहले ही पाकिस्तान जिस तरह थर-थर कांप रहा है वह दर्शा रहा है कि युद्ध से बचने के लिए अभी वह कई और नौटंकियां कर सकता है इसलिए भारत सरकार को अत्यंत सावधानी बरतने की जरूरत है।