
अमूल अब ऑर्गेनिक चाय, चीनी और मसालों में कदम रखकर अपने FMCG पोर्टफोलियो को मज़बूत कर रहा है. FY25 में रेवेन्यू ₹66,000 करोड़ पहुंचा और FY26 तक ₹1 लाख करोड़ का लक्ष्य है. कंपनी मिडल ईस्ट, साउथ एशिया और अफ्रीका म…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- अमूल अब ऑर्गेनिक चाय, चीनी और मसालों में कदम रखेगा.
- FY26 तक ₹1 लाख करोड़ का टर्नओवर लक्ष्य.
- अमूल का फोकस नॉन-डेयरी कैटेगिरी पर.
नई दिल्ली. अमूल अब डेयरी से बाहर निकलकर अपने एफएमसीजी पोर्टफोलियो को और मज़बूत करने जा रहा है. कंपनी ऑर्गेनिक चाय, चीनी और मसालों जैसे रोज़मर्रा के इस्तेमाल वाले उत्पादों में कदम रखने की तैयारी में है. अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर जयेन मेहता ने CNBC-TV18 से बातचीत में बताया कि यह कदम कंपनी की कोर डेयरी बिज़नेस से आगे निकलकर एक व्यापक FMCG कंपनी बनने की रणनीति का हिस्सा है. FY25 में अमूल का रेवेन्यू ₹66,000 करोड़ तक पहुंच चुका है.
मेहता ने बताया कि अमूल अब भारत की सबसे बड़ी FMCG कंपनी बन चुकी है, जिसका टर्नओवर इसके सबसे नज़दीकी मल्टीनेशनल प्रतिद्वंद्वी से 10% ज्यादा है. कंपनी का लक्ष्य FY26 के अंत तक ₹1 लाख करोड़ का टर्नओवर छूने का है. अमूल न सिर्फ घरेलू बाजार में बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी तेजी से अपने पांव पसार रहा है. अमेरिका में एंट्री के बाद अब कंपनी मिडल ईस्ट, साउथ एशिया और अफ्रीका जैसे इलाकों में विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है, जहां भारतीय उत्पादों की मांग काफी अधिक है.
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इस साल अमूल की आइसक्रीम बिक्री में 35-40% की ग्रोथ का अनुमान है. साथ ही, प्रोटीन आधारित पेय पदार्थों की मांग को देखते हुए 1 मई से उनकी प्रोडक्शन कैपेसिटी को पांच गुना तक बढ़ाया जा रहा है.
हालांकि, कंपनी इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी से जूझ रही है, फिर भी फिलहाल दूध की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स में एंट्री से अमूल का फोकस अब नॉन-डेयरी कैटेगिरी में अपनी मज़बूत पकड़ बनाने पर है, जिससे वह दूसरी बड़ी FMCG कंपनियों को कड़ी टक्कर दे सके.